विदेश सचिव विक्रम मिसरी की नेपाल यात्रा: भारत-नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों को मिलेगी मजबूती, ओली की भारत यात्रा की तैयारी!

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से मुलाकात की, जहां दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की गई। मिसरी की यह यात्रा भारत-नेपाल के ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 17 August 2025, 6:23 PM IST
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New Delhi: भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने रविवार (17 अगस्त 2025) को नेपाल में उच्च स्तर की मुलाकातें कीं। जिसमें नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, और अन्य प्रमुख नेताओं से द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की। मिसरी की यह यात्रा नेपाल के विदेश सचिव अमृत बहादुर राय के निमंत्रण पर हुई और यह यात्रा भारत-नेपाल के संबंधों में नए मोड़ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

भारत-नेपाल के रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में बैठकें

मिसरी ने काठमांडू में प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधानमंत्री ओली के साथ बैठक की, जहां दोनों देशों के बीच आपसी हितों और द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर यह जानकारी दी कि मिसरी ने भारतीय-नेपाल साझेदारी की गहरी सभ्यतागत और ऐतिहासिक जड़ों की पुष्टि की और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। बैठक में मिसरी ने यह भी कहा कि भारत नेपाल के साथ अपने पारंपरिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारतीय नेतृत्व से शुभकामनाएं

भारत के विदेश सचिव ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से भी मुलाकात की। इस दौरान, उन्होंने भारतीय नेतृत्व की ओर से शुभकामनाएं दीं और नेपाल के राष्ट्रपति को द्विपक्षीय संबंधों में हो रही प्रगति के बारे में जानकारी दी। भारतीय दूतावास ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि मिसरी की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में नए आयाम जुड़ेंगे। इसके अलावा मिसरी ने नेपाल के विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा से भी मुलाकात की, और इस दौरान नेपाल के विभिन्न राजनीतिक और राजनयिक मुद्दों पर विचार किया गया।

भारत-नेपाल के बीच बढ़ते संपर्क

मिसरी की यात्रा को ‘भारत-नेपाल के बीच नियमित उच्चस्तरीय संवाद की परंपरा’ के तौर पर देखा जा रहा है। भारतीय दूतावास ने एक पोस्ट में कहा कि यह यात्रा भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के प्रति प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस यात्रा के दौरान संपर्क, विकास सहयोग और अन्य महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। जिनसे दोनों देशों के रिश्तों को और अधिक सशक्त किया जा सके। मिसरी ने अपनी यात्रा के दौरान नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी सेंटर के चेयरमैन पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' से भी मुलाकात करने का कार्यक्रम रखा है। इन मुलाकातों का उद्देश्य दोनों देशों के राजनीतिक दलों के बीच संवाद को और मजबूत करना है।

प्रधानमंत्री ओली की आगामी भारत यात्रा की तैयारी

राजनयिक सूत्रों के अनुसार मिसरी की काठमांडू यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की आगामी भारत यात्रा की तैयारियों पर चर्चा करना था। ओली के भारत दौरे की तारीख 16 सितंबर के आसपास संभावित है, हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। भारत और नेपाल के बीच बढ़ते आर्थिक, राजनयिक और सांस्कृतिक रिश्तों को देखते हुए यह यात्रा दोनों देशों के बीच भविष्य में होने वाली प्रमुख बैठकों और समझौतों के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रही है।

भारत-नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों का महत्व

भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक रिश्ते सदियों पुराने रहे हैं। दोनों देशों के बीच गहरे सभ्यतागत संबंध हैं और उनकी साझा सीमा, संस्कृति और इतिहास उन्हें एक-दूसरे के निकट लाता है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार, विकास परियोजनाओं और पारस्परिक सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। नेपाल भारत का महत्वपूर्ण पड़ोसी देश है, और दोनों देशों के बीच सहयोग को लेकर कई पहलुओं पर काम किया जा रहा है। जिनमें जल संसाधन, ऊर्जा, सुरक्षा और व्यापार शामिल हैं।

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