

भारत और ब्रिटेन ने 24 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए, जिससे 99% भारतीय निर्यात पर ब्रिटेन में शुल्क खत्म हो जाएगा। इससे भारतीय किसानों, MSME, मछुआरों और युवा उद्यमियों को नए वैश्विक अवसर मिलेंगे। इस मौके पर एक भावुक क्षण भी देखने को मिला, जब एक हिंदी ट्रांसलेटर के लड़खड़ाने पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने उसे स्नेहपूर्वक प्रोत्साहित किया। यह समझौता ब्रेग्ज़िट के बाद यूके का अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक करार है।
भारत और यूके के बीच FTA
New Delhi: भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच गुरुवार 24 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर हुए। यह समझौता केवल दो देशों के बीच व्यापारिक सहयोग नहीं, बल्कि सांस्कृतिक संबंधों और आपसी भरोसे का प्रतीक भी बन गया। इस मौके पर एक दिल छू लेने वाला दृश्य भी सामने आया। जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के भाषण का अनुवाद करते वक्त हिंदी ट्रांसलेटर लड़खड़ा गया तो प्रधानमंत्री ने कहा कि परेशान मत होइए। आप बीच में अंग्रेज़ी शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस पर अनुवादक ने जवाब दिया, "माफ कीजिए महामहिम।
ब्रिटेन के लिए ब्रेग्ज़िट के बाद सबसे बड़ा समझौता
यह समझौता ब्रेग्ज़िट (EU से ब्रिटेन के अलग होने) के बाद किसी भी देश के साथ यूके का सबसे बड़ा व्यापारिक समझौता है। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में सालाना 34 अरब अमेरिकी डॉलर तक का इज़ाफा होने की उम्मीद है। FTA पर भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के वाणिज्य सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने हस्ताक्षर किए।
99% भारतीय निर्यात पर समाप्त होंगे शुल्क
इस समझौते का सबसे बड़ा फायदा भारत के निर्यातकों को मिलेगा। लगभग 99% भारतीय वस्तुओं पर अब ब्रिटेन में कोई आयात शुल्क नहीं लगेगा। इनमें कपड़ा, जूते, रत्न-आभूषण, समुद्री खाद्य पदार्थ, कृषि उत्पाद और इंजीनियरिंग सामान प्रमुख हैं। इससे भारतीय MSME सेक्टर, मछुआरे, किसान और युवा उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा।
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण को मिलेगा नया बाज़ार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह समझौता भारत के कृषि उत्पादों और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को ब्रिटिश बाजार में नई संभावनाएं देगा। उन्होंने इसे "भारत-ब्रिटेन संबंधों का ऐतिहासिक दिन" बताया और कहा कि इस समझौते से अर्थव्यवस्था के जमीनी स्तर पर बदलाव आएगा।
ट्रांसलेटर की लड़खड़ाहट और ब्रिटिश पीएम का मानवीय पक्ष
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में तब एक अनोखा क्षण देखने को मिला, जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के भाषण का अनुवाद कर रहे हिंदी ट्रांसलेटर अचानक लड़खड़ा गए। वे घबराए और बोले, “माफ कीजिए, महामहिम, मेरा भाषण छूट गया।” इस पर प्रधानमंत्री स्टारमर ने उन्हें मुस्कराते हुए कहा, “परेशान मत होइए, आप अंग्रेज़ी शब्दों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी चिंता मत कीजिए।” यह पल दर्शाता है कि वैश्विक मंच पर सहानुभूति और इंसानियत की भी अहमियत होती है, केवल शब्दों और संधियों की नहीं।
ब्रिटिश व्हिस्की और कारों पर भी मिलेगी छूट
इस समझौते के अंतर्गत ब्रिटिश व्हिस्की, लक्ज़री कारें और कई अन्य उच्च-मूल्य उत्पादों पर भारत में आयात शुल्क में कटौती की जाएगी। हालांकि यह कटौती इस तरह से डिजाइन की गई है कि भारतीय उद्योगों को नुकसान न हो और संतुलित प्रतिस्पर्धा बनी रहे।
आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण में सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण और कानूनी समन्वय पर भी मिलकर काम करती रहेंगी। यह बयान ऐसे समय में आया है जब कई हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधी ब्रिटेन में शरण ले चुके हैं।