

बाजार में मिलने वाले पैक्ड ड्रिंक्स और मिनरल वॉटर सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं, जानने के लिए पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पैक्ड ड्रिंक्स
नई दिल्ली: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मिनरल वॉटर और डिब्बाबंद जूस का सेवन आम बात हो गई है। लोग सुविधा और स्वच्छता के चलते इन पैक्ड ड्रिंक्स को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये स्वास्थ्य के लिए कितने खतरनाक हो सकते हैं?
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, भारत की फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी (FSSAI) ने पिछले साल इन्हें हाई रिस्क फूड कैटेगरी में डाल दिया था। इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं जो इन उत्पादों की गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को उजागर करते हैं।
बोतलबंद मिनरल वॉटर में इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की बोतलें, विशेष रूप से गर्मी या धूप में रखे जाने पर BPA जैसे रसायन छोड़ सकती हैं। ये रसायन हार्मोनल असंतुलन, प्रजनन समस्याओं और यहां तक कि कैंसर का कारण भी बन सकते हैं। इसके अलावा रिसर्च में यह भी पाया गया है कि इन बोतलों में माइक्रोप्लास्टिक कण मौजूद हो सकते हैं, जो शरीर में जाकर लिवर, किडनी और आंतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कुछ मिनरल वॉटर ब्रांड्स में आवश्यक खनिजों की मात्रा जरूरत से ज्यादा पाई गई है। इनमें सोडियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम का अत्यधिक स्तर हाई ब्लड प्रेशर, किडनी स्टोन और हृदय संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। ऐसे में लंबे समय तक इनका अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
वहीं डिब्बाबंद फलों के जूस में अत्यधिक मात्रा में रिफाइंड शुगर और प्रिज़र्वेटिव्स मिलाए जाते हैं, जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। कृत्रिम फ्लेवर और रंगों के कारण एलर्जी, पेट की समस्या और लीवर पर नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही, इनमें प्राकृतिक फाइबर की मात्रा ना के बराबर होती है, जो ताजे फलों के मुकाबले कम लाभकारी बनाता है।
डिब्बाबंद जूस का जल्दी पच जाना और उसमें मौजूद प्राकृतिक तत्वों की कमी, शरीर के ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा देती है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को तो इनसे पूरी तरह बचना चाहिए। गैस, डायरिया जैसी समस्याएं भी इन जूस के सेवन से हो सकती हैं, खासकर जब नाशपाती, सेब और चेरी जैसे फलों से बने जूस की बात हो। बेहतर होगा कि ताजे फल और पानी का सेवन कर अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रखें।