प्रयागराज मे मर्डर वाला गेम: यू-ट्यूब से सीख दबाई बच्चे के गले की नस, पढ़ें सनसनीखेज खबर

यू-ट्यूब पर एक वीडियो देखकर एक किशोर ने खेल-खेल में अपने दोस्त के गले की नस दबा दी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 9 June 2025, 2:13 PM IST
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प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के कुंडा कमालापुर के देवीगंज गांव में एक किशोर की जान ऑनलाइन गेम के खतरनाक असर के कारण संकट में पड़ गई। यू-ट्यूब पर एक वीडियो देखकर एक किशोर ने खेल-खेल में अपने दोस्त के गले की नस दबा दी, जिससे वह बेहोश हो गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना उस समय घटी जब 11 साल का बच्चा अहमान अपने माता-पिता के साथ एक शादी समारोह में गया था और कुछ दोस्तों के साथ मोबाइल पर वीडियो देखकर गेम खेल रहा था।

खतरनाक खेल का तरीका

वीडियो में दिखाया गया था कि किसी व्यक्ति के गले की एक विशेष नस को दबाने से वह बेहोश हो जाता है। इसके बाद, गाल पर थप्पड़ मारकर उस व्यक्ति को होश में लाया जाता है। इस ट्रिक को खेलते हुए, एक किशोर ने अहमान पर भी यही तरीका आजमाया, जिससे वह बेहोश हो गया। हालांकि दोस्तों ने उसे होश में लाने के लिए थप्पड़ मारे, लेकिन अहमान को पैंट में बाथरूम होने तक का भी होश नहीं रहा।

बेहोश होने के बाद की हालत

अहमान के परिजनों ने बताया कि जब उन्होंने कमरे में जाकर देखा तो उसका मुंह से झाग निकल रहा था और वह पानी भी नहीं पी पा रहा था। उसका चेहरा लाल हो गया था और वह चल-फिर भी नहीं पा रहा था। परिजनों ने उसे तुरंत प्रयागराज स्थित निजी अस्पताल में ले जाकर इलाज कराया, जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखा।

डॉक्टर का बयान

प्रयागराज के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. प्रकाश खेतान ने बताया कि जब अहमान का एमआरआई कराया गया, तो यह पाया गया कि उसके दिमाग को रक्त आपूर्ति करने वाली कैरोटिड धमनी दब गई थी, जिससे दिमाग को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी। इस कारण अहमान को मिर्गी का दौरा पड़ा और उसके हाथ-पैर कमजोर हो गए थे। पांच दिन के इलाज के बाद अब वह चलने-फिरने में सक्षम है।

यू-ट्यूब से सीख दबाई बच्चे के गले की नस

इस घटना के बारे में जब उस किशोर से पूछा गया कि कैसे अहमान के गले की नस दबाई थी तो उसने बताया कि वह पहले भी कई बार यू-ट्यूब पर वीडियो देखकर ऐसे खतरनाक खेल खेल चुका है। वह यह सब रील बनाने के लिए करता था। किशोर ने बताया कि उसने पहले भी कई लोगों को बेहोश कर उन्हें फिर होश में लाया था। यह खतरनाक खेल न केवल बच्चों के लिए, बल्कि किसी भी व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

मनोचिकित्सक का बयान

मनोचिकित्सक डॉ. राकेश पासवान ने इस घटना के संदर्भ में कहा कि बच्चों में हिंसात्मक गेम खेलने के कई मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने माता-पिता को सलाह दी कि अगर वे अपने बच्चों को मोबाइल देते हैं तो उन्हें 18 वर्ष की उम्र तक कड़ी नजर रखनी चाहिए कि उनका बच्चा किस प्रकार के ऑनलाइन कंटेंट का सामना कर रहा है। बच्चों को आउटडोर गतिविधियों के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वे इस तरह के खतरनाक खेलों से बच सकें।

Location : 
  • Prayagraj

Published : 
  • 9 June 2025, 2:13 PM IST