Kanpur News: गल्लामंडी अग्निकांड में मिला जला हुआ कंकाल, पत्नी ने बेल्ट और अंगूठी से पहचाना

अंतिम संस्कार के लिए पूरा शरीर भी नहीं मिला… पति का कंकाल देखकर बिलख-बिलख कर पत्नी रोने लगी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 15 May 2025, 4:58 PM IST
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कानपुर: कानपुर के कलक्टर गंज स्थित पुरानी गल्लामंडी में गया प्रसाद विश्वकर्मा के जलने से मौत हो गई। बुधवार को हुई भीषण आग के बाद जब गया प्रसाद का जला हुआ कंकाल मिला।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, उसकी पत्नी उर्मिला ने आग से जल चुकी साइकिल, बेल्ट और अंगूठी से पहचान की। उर्मिला की चीख-पुकार ने सभी को विचलित कर दिया। उन्होंने कहा, “अंतिम संस्कार के लिए भी पूरा शरीर नहीं मिला। भगवान ये कैसा दर्द दे दिया है। अब क्या होगा?”

91 साल की मां का टूट गया सहारा

गया प्रसाद की 91 वर्षीय मां राजरानी का दर्द उनकी आंखों में साफ झलक रहा था। वह बार-बार अपने बेटे का नाम लेकर कह रही थीं, “हाय दैय्या, ये क्या हो गया। हमसे कुछ बताता तो।” राजरानी का कहना था, “बेटा बुढ़ापे का सहारा था, अब कौन हमें और पोते-बहू का ख्याल रखेगा।”

अब हमारा क्या होगा?

उर्मिला ने बताया कि जब पुलिस ने उन्हें आग लगने की सूचना दी तो उन्होंने शुक्लागंज से अपने बेटे को लेकर कलक्टरगंज पहुंची, लेकिन वहां वह सिर्फ जली हुई साइकिल देख पाई। उनके मुताबिक, एक साथी कर्मी कमलेश ने बताया कि गया प्रसाद भी आग लगने के दौरान वहीं थे, लेकिन वह भाग नहीं पाए और आग में फंस गए।

फोन से हुआ हादसे का पता

गया प्रसाद के छोटे भाई राजकुमार ने बताया कि बुधवार शाम को जब वह काम कर रहे थे तो उन्हें फोन आया और बताया गया कि उनका भाई आग में फंस गया है। वह पूरी तरह से अवाक हो गए और उन्हें समझ में आया कि एक भयंकर हादसा हुआ है।

12 साल पहले हुई थी शादी

राजकुमार की पत्नी निशा शर्मा ने बताया कि गया प्रसाद की शादी 12 साल पहले हुई थी और उनकी पत्नी के लिए यह गर्भवती होने का लंबा संघर्ष था। आखिरकार, पांच साल बाद उनका बेटा कृष्णा हुआ। शुक्लागंज के एक किराए के कमरे में उनका परिवार अत्यंत गरीबी में जीवन यापन कर रहा था। गया प्रसाद ही था जो घर चला रहा था और अपने बेटे को पढ़ा रहा था।

डीएनए परीक्षण से कंकाल की होगी पहचान

गया प्रसाद के भतीजे अनिल शर्मा ने बताया कि चूंकि केवल कंकाल मिला है, इसलिए उन्हें डीएनए परीक्षण की आवश्यकता महसूस हो रही है। इसके लिए कृष्णा को भी साथ लाया गया है। उन्होंने आशंका जताई कि कंकाल गया प्रसाद का ही हो सकता है। गया प्रसाद के परिजनों ने गोदाम के मालिक से मुआवजे की मांग की। इस पर मालिक और परिवार के बीच बहस हुई, लेकिन बातचीत के बाद मालिक ने परिवार की मदद का भरोसा दिया और 10,000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया।

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  • Kanpur

Published : 
  • 15 May 2025, 4:58 PM IST