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कानपुर में तैनात डायल-112 सिपाही महेंद्र सिंह ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट डालने के बाद आत्महत्या कर ली। उसके कमरे में फंदे से लटका शव मिला, जबकि घटना से पहले वह पत्नी और बच्चों को मथुरा भेज चुका था। पुलिस ने मोबाइल कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
Kanpur: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कल्याणपुर में डायल-112 पर तैनात सिपाही महेंद्र सिंह ने सोमवार रात को आत्महत्या कर ली। खुदकुशी से ठीक पहले उसने इंस्टाग्राम पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा की, जिसमें उसने लिखा कि रुतबा तो मरने के बाद भी रहेगा, लोग पैदल चलेंगे और हम चार कंधों पर… मैं मुस्कुराते हुए मरूंगा, जीते जी मुझे खुशी नहीं मिली।
मामला तब सामने आया जब कल्याणपुर थाने में तैनात दरोगा हितेंद्र किसी काम से गुजरते हुए सिपाही महेंद्र के कमरे में अपना हेलमेट लेने के लिए पहुंचे। उन्होंने दरवाजा खटखटाया लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। खिड़की से झांकने की कोशिश में कांच तोड़ना पड़ा और अंदर का दृश्य देखकर उनके होश उड़ गए, महेंद्र का शव पंखे से लटका हुआ था। उन्होंने तुरंत थाना प्रभारी राजेंद्र कांत शुक्ला को फोन कर घटना की जानकारी दी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला। फॉरेंसिक टीम भी बुलाकर कमरे से साक्ष्य एकत्र किए गए।
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पुलिस जांच में सामने आया कि सिपाही ने मौत से पहले इंस्टाग्राम पर दो भावुक स्टेटस लगाए थे। इससे यह स्पष्ट है कि वह गहरे मानसिक तनाव से जूझ रहा था, लेकिन तनाव की वजह क्या थी, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। एडीसीपी अर्चना सिंह ने बताया कि सुसाइड की वजह अभी सामने नहीं आई है। मोबाइल कब्जे में लिया गया है और सभी डिजिटल गतिविधियों की जांच की जा रही है। परिवार के बयान भी लिए जा रहे हैं। यदि परिवार कोई आरोप लगाता है तो निष्पक्ष जांच की जाएगी।
महेंद्र मूल रूप से मथुरा के गोवर्धन का निवासी था। उसके पिता हरेंद्र मान सिंह ने बताया कि करीब 10 दिन पहले महेंद्र अपनी पत्नी कविता और बेटों तेजस व छोटू को मथुरा से कानपुर लेकर आया था। लेकिन रविवार की रात उसने पत्नी और बच्चों को ट्रेन से वापस मथुरा भेज दिया था। परिजनों के अनुसार, घटना से कुछ देर पहले महेंद्र ने अपने बड़े भाई हरेंद्र से फोन पर बातचीत भी की थी। बातचीत सामान्य ही थी, किसी तरह के तनाव का जिक्र नहीं किया।
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महेंद्र कानपुर के आईआईटी सोसाइटी, माधवपुरम में पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजय यादव के मकान में किराए पर अकेले रहता था। सहकर्मियों का कहना है कि महेंद्र अपने काम में बेहद शांत स्वभाव का और जिम्मेदार पुलिसकर्मी था। किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह तनाव में हो सकता है। उनके व्यवहार से कभी नहीं लगा कि वह मानसिक दबाव से गुजर रहा है।
पुलिस द्वारा घटना की सूचना मिलने के बाद परिवार टूट गया है। पिता और बड़े भाई का कहना है कि महेंद्र कभी अपनी परेशानियों को खुलकर नहीं बताता था। परिवार अभी सवालों में घिरा है- क्या वह व्यक्तिगत जीवन की किसी परेशानी में था, या ड्यूटी का दबाव? महेंद्र की पत्नी को घटना के बारे में बताया गया, जिसके बाद वह भी बच्चों के साथ मथुरा से कानपुर पहुंचने की तैयारी कर रही है। परिवार के आने के बाद बयान लिए जाएंगे जो मामले की दिशा तय कर सकते हैं।