

छांगुर बाबा की गिरफ्तारी और मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा यह साफ करता है कि अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट अब सरकार के निशाने पर है। सुरक्षा एजेंसियों की सख्त कार्रवाई से यह भी संकेत गया है कि धार्मिक आस्था के नाम पर आर्थिक और वैचारिक खेल खेलने वालों के खिलाफ अब बख्शा नहीं जाएगा।
छांगुर का बड़ा बयान
Lucknow News: अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर अब कानून का शिकंजा पूरी तरह कस चुका है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पांच दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पूरी होने के बाद उसे लखनऊ जेल में दाखिल कर दिया गया। छांगुर बाबा पर देश में धार्मिक उन्माद फैलाने, विदेशी फंडिंग से अवैध संपत्तियां बनाने और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप हैं। छांगुर बाबा की कोर्ट में सफाई, “मैंने किसी का धर्म परिवर्तन नहीं कराया। सारे आरोप झूठे हैं। पैसे लेकर लोग गवाही दे रहे हैं।”
ईडी की रिमांड पूरी, कोर्ट में बोले- “मैं बेगुनाह हूं”
दरअसल, ईडी की विशेष अदालत में पेशी के दौरान छांगुर बाबा ने खुद को बेगुनाह बताया और दावा किया कि उसे झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। उसने अदालत में वसीउद्दीन उर्फ बब्बू, मोहम्मद अहमद और संतोष सिंह के नाम लेते हुए आरोप लगाया कि इन लोगों ने उससे 60 लाख रुपये की मांग की थी। पैसे न देने पर उसे फंसाया गया।
पीएमएलए के तहत ईडी की पूछताछ, मनी लॉन्ड्रिंग की बड़ी जांच
ईडी ने छांगुर बाबा से मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत पूछताछ की। जांच में सामने आया कि 22 बैंक खातों के माध्यम से छांगुर बाबा और उसके साथियों ने करीब 60 करोड़ रुपये इकट्ठा किए। इनमें बड़ी रकम विदेशों से भेजी गई। जिसे बाद में जमीनों की खरीद, अवैध निर्माण और आयोजनों में लगाया गया।
प्रॉपर्टी के पीछे छिपे नाम, मनी ट्रेल से खुली पोल
ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि छांगुर बाबा की बनाई गई अधिकांश संपत्तियां उसके नाम पर नहीं, बल्कि उसके सहयोगी नवीन रोहरा और नीतू रोहरा उर्फ नसरीन के नाम पर खरीदी गईं। इसका उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग के तार छुपाना था।
संपत्तियों के दस्तावेज़ों से पता चला कि ये खरीद बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई जैसे शहरों में की गई और करोड़ों रुपये की अचल संपत्ति का मालिकाना हक छांगुर के इशारों पर ही चला।
देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा, धर्मांतरण के लिए विदेशी नेटवर्क
ईडी को मिली रिपोर्ट के मुताबिक छांगुर बाबा का नेटवर्क सिर्फ धार्मिक आयोजनों तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें देश की आंतरिक सुरक्षा से छेड़छाड़ की साजिश के संकेत भी मिले हैं। बलरामपुर स्थित चांद औलिया दरगाह से शुरू हुआ नेटवर्क पूरे देश में फैला था। धर्मांतरण के लिए अनुसूचित जाति, कमजोर वर्गों और आर्थिक रूप से पिछड़े हिंदू परिवारों को निशाना बनाया जाता था। ऐसे कार्यक्रमों में देश-विदेश से लोग शामिल होते थे, जिन्हें सुनियोजित तरीके से इस्लाम में परिवर्तित किया जाता था।
सीएम योगी का कड़ा संदेश: धर्मांतरण राष्ट्रविरोधी कृत्य
इस पूरे मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुए इसे "राष्ट्रविरोधी कृत्य" करार दिया है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के नाम पर देश की एकता और अखंडता से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
जांच अभी जारी, पूरे नेटवर्क पर नजर
ईडी अब छांगुर बाबा से जुड़े अन्य सहयोगियों, फंडिंग चैनलों, धार्मिक संस्थानों और विदेशी स्रोतों की पड़ताल कर रही है। इस पूरे मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर जांच को विस्तार दिया जा रहा है।