

अब सेविंग्स अकाउंट में बैलेंस कम रहने पर किसी तरह का चार्ज नहीं लगेगा। एसबीआई समेत देश के छह बड़े बैंकों ने औसत मासिक बैलेंस पर लगने वाले चार्ज को पूरी तरह खत्म कर दिया है।
बैंक, प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स-गूगल)
New Delhi: देश के करोड़ों बैंक उपभोक्ताओं के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। अक्सर लोगों को अपने सेविंग्स अकाउंट में औसत बैलेंस नहीं बनाए रखने पर बैंक की तरफ से लगाए गए चार्ज से परेशानी होती थी। लेकिन अब यह चिंता खत्म हो चुकी है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ोदा (BoB), इंडियन बैंक, केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया जैसे छह प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने सेविंग्स अकाउंट्स पर एवरेज मिनिमम बैलेंस चार्ज को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।
बैंक ऑफ बड़ोदा
बैंक ऑफ बड़ोदा ने 1 जुलाई 2025 से सभी स्टैंडर्ड सेविंग्स अकाउंट पर मिनिमम बैलेंस चार्ज हटाने की घोषणा की है। हालांकि, बैंक ने यह स्पष्ट किया है कि प्रीमियम सेविंग्स अकाउंट स्कीम्स पर यह नियम लागू नहीं होगा।
बैंक ऑफ बड़ोदा (सोर्स-गूगल)
इंडियन बैंक
इंडियन बैंक ने 7 जुलाई 2025 से अपने सभी सेविंग्स अकाउंट्स पर एवरेज मिनिमम बैलेंस चार्ज को हटाने का फैसला किया है। इससे लाखों ग्राहकों को राहत मिलेगी, खासकर उन उपभोक्ताओं को जो ग्रामीण या कम आय वर्ग से आते हैं।
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केनरा बैंक
केनरा बैंक ने इस साल मई में ही यह घोषणा कर दी थी। अब रेग्युलर सेविंग्स अकाउंट, सैलरी अकाउंट और एनआरआई सेविंग्स अकाउंट्स पर भी मिनिमम बैलेंस बनाए रखने की अनिवार्यता खत्म हो चुकी है।
केनरा बैंक (सोर्स-गूगल)
पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
PNB ने भी अपने ग्राहकों के हित में फैसला लेते हुए सभी सेविंग्स अकाउंट्स पर न्यूनतम बैलेंस चार्ज को पूरी तरह खत्म कर दिया है। यह फैसला बैंक के सामाजिक उत्तरदायित्व और ग्राहकों के वित्तीय बोझ को कम करने के तहत लिया गया है।
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
SBI ने पहले ही 2020 में एवरेज मिनिमम बैलेंस चार्ज हटा दिया था। अब बैंक ने पुष्टि की है कि भविष्य में भी सेविंग्स अकाउंट्स पर इस तरह का कोई चार्ज नहीं लगाया जाएगा।
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बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया ने अपने प्रेस रिलीज में बताया कि यह कदम बाजार की बदलती परिस्थितियों और ग्राहकों की वित्तीय सुविधा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इससे देश के लाखों ग्राहकों को लाभ मिलेगा, खासकर छोटे शहरों और गांवों में रहने वाले लोगों को।
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ग्राहकों को मिलेगा सीधा फायदा
इन बदलावों से सबसे बड़ा फायदा उन ग्राहकों को होगा जो नियमित रूप से अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं रख पाते। खासकर छात्र, पेंशनधारक, छोटे कारोबारी और ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता इससे सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे।