Mutual Fund: अब म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले होगी पूरी जांच, सेबी ने बनाया नया केवाईसी सिस्टम

सेबी ने म्यूचुअल फंड निवेश को और पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब बिना पूरी तरह केवाईसी वेरिफिकेशन के कोई भी नया निवेश या खाता नहीं खुलेगा। यह बदलाव निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में अहम साबित होगा।

Updated : 24 October 2025, 11:46 AM IST
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New Delhi: सेबी (Securities and Exchange Board of India) म्युचुअल फंड में खाता खोलने तथा निवेश करने वालों के लिए केवाईसी (Know Your Customer) नियमों में बदलाव करने जा रही है। यदि आपने अभी तक अपने केवाईसी को पूरी तरह से सत्यापित नहीं करवाया है तो यह आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। आइए समझते हैं इन नए नियमों के क्या मायने हैं, क्या बदलाव होंगे और निवेशक को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

म्युचुअल फंड में निवेश अब आम माना जाता है क्योंकि यह लम्बे समय में बेहतर रिटर्न देने के अवसर देता है। लोग अक्सर इसमें एसआईपी (Systematic Investment Plan) के माध्यम से स्वचालित तरीके से निवेश करते हैं। ऐसे में यदि नियम बदल जाएँ, तो निवेशक को प्रभावित किया जा सकता है। ऐसा ही कुछ हाल में हुआ है।

सेबी की ओर से यह जानकारी मिली है कि म्युचुअल फंड में खाता तभी खोला जा सकेगा जब निवेशक का केवाईसी पूरी तरह से जांचा-परखा और सत्यापित किया गया हो। यदि यह सत्यापन नहीं हुआ होगा, तो खाता खोलना और निवेश करना संभव नहीं होगा।

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क्या है सेबी के नए प्रस्तावित नियम?

  • नया नियम यह प्रस्तावित है कि एक नए म्युचुअल फंड फोलियो (MF folio) में पहली बार निवेश तभी हो सकेगा जब केवाईसी रजिस्ट्रेशन एजेंसी (KRA) द्वारा केवाईसी दस्तावेजों की पूरी जांच हो चुकी हो।
  • निवेशक को मोबाइल व ई-मेल पर सूचना/अपडेट्स मिलते रहेंगे ताकि केवाईसी की स्थिति स्पष्ट रहे।
  • एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) एवं KRA को अपने सिस्टम को इन नए नियमों के अनुरूप अपडेट करना होगा।
  • प्रस्ताव पर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं, और यह सुझाव 14 नवम्बर तक सेबी को भेजे जा सकते हैं।
  • इसके पहले से ही 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी नियम हैं जिसमें कहा गया है कि म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए केवाईसी पूरी तरह होना आवश्यक है।
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सेबी का नया केवाईसी नियम

क्या होंगे बदलाव?

  • खाता खोलने की प्रक्रिया पहले से और अधिक पारदर्शी होगी। निवेशक को यह स्पष्ट पता होगा कि केवाईसी की स्थिति क्या है और कब वह निवेश कर सकता है।
  • अधूरी या गलत जानकारी के कारण होने वाली परेशानी जैसे कि फंड में पैसे रहते हुए लेन-देन नहीं हो पाना, क्लेम न मिलना इन नियमों से कम हो सकती है।
  • AMCs और KRA के लिए निवेशकों के केवाईसी संबंधित काम आसान होंगे क्योंकि नियम स्पष्ट होंगे और एक समान प्रक्रिया होगी।
  • नए निवेशक (पहली बार म्युचुअल फंड ले रहे) के लिए खाता खुलने व लेन-देन की शुरुआत में देरी या ब्लॉक होने की संभावना कम होगी क्योंकि पहले चरण में केवाईसी पूरी तरह हो जाएगी।
  • निवेशक को अपने केवाईसी की स्थिति नियमित रूप से देखनी होगी- ‘केवाईसी रजिस्टर्ड’, ‘केवाईसी वेरीफाइड’ या ‘केवाईसी वैलिडेटेड’- क्योंकि नई प्रक्रिया में ये टैग्स मायने रखेंगे।

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निवेशक के लिए सुझाव

  • सबसे पहले यह जाँचे कि आपका केवाईसी KRA (जैसे कि CAMS KRA, NDML KRA आदि) में वैलिडेटेड स्टेटस में है या नहीं। यदि ‘रजिस्टर्ड’ या ‘वेरीफाइड’ स्थिति में है, तो स्कीम में नई निवेश के लिए आपको केवाईसी पूरी करनी पड़ सकती है।
  • यदि आपका केवाईसी अभी पूरी तरह सत्यापित नहीं है, तो जल्द-से-जल्द आवश्यक दस्तावेज जमा करें- जैसे कि आधिकारिक मान्य दस्तावेज (OVD) जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी, ड्राइविंग लायसेंस आदि।
  • निवेश करते समय AMCs या प्लेटफार्म द्वारा भेजे गए ई-मेल/मोबाइल मैसेज ध्यान से देखें- केवाईसी से संबंधित सूचना मिल सकती है।
  • अगर आप NRI (नॉन-रेज़िडेंट इंडियन) हैं, तो विशेष रूप से ध्यान दें कि आपकी केवाईसी स्थिति क्या है और नियमों में उनका क्या छूट है। उदाहरण के लिए, NRIs को एक साल का वक्त दिया गया था ‘रजिस्टर्ड’ स्थिति से भी निवेश जारी रखने के लिए।
  • निवेश करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके बैंक खाते, पैन-कार्ड, नाम-पता आदि सही तरह से KRA के रिकॉर्ड में हैं क्योंकि अगले चरण में ये मैचिंग बहुत महत्वपूर्ण है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 24 October 2025, 11:46 AM IST