Mutual Fund में निवेश से पहले जानिए Expense Ratio का पूरा खेल, नजरअंदाज किया तो घटेगा रिटर्न

म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले Expense Ratio जरूर चेक करें, क्योंकि यही चार्ज आपके रिटर्न को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। SIP करते समय इस छोटे लेकिन अहम पहलू को नजरअंदाज करना आपकी कमाई पर भारी पड़ सकता है।

Updated : 24 July 2025, 11:54 AM IST
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New Delhi: म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना आज के समय में एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है, खासकर उन लोगों के लिए जो शेयर बाजार के जोखिम से बचना चाहते हैं। म्यूचुअल फंड आपके पैसे को विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न कंपनियों और सेक्टर्स में निवेश करता है, जिससे जोखिम कम होता है और बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, म्यूचुअल फंड कंपनियां आपके निवेश को मैनेज करने के लिए एक निश्चित शुल्क वसूलती हैं, जिसे एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio) कहा जाता है। यह शुल्क सीधे आपके रिटर्न को प्रभावित करता है, इसलिए निवेश शुरू करने से पहले इसे समझना बेहद जरूरी है।

एक्सपेंस रेशियो क्या है?

एक्सपेंस रेशियो म्यूचुअल फंड की वार्षिक लागत होती है, जो कि आपके निवेश की कुल संपत्ति (Assets Under Management - AUM) का एक प्रतिशत होती है। इसे फंड मैनेजमेंट, मार्केटिंग, प्रशासन और अन्य संबंधित खर्चों को कवर करने के लिए वसूला जाता है। सरल भाषा में कहें तो ये वह फीस है जो फंड हाउस आपके निवेश को मैनेज करने के लिए लेता है।

उदाहरण के लिए, यदि किसी म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेशियो 1% है, तो इसका मतलब है कि हर साल आपके निवेश की कुल राशि का 1% उस फंड की मैनेजमेंट कंपनी खर्च करती है।

एक्सपेंस रेशियो में कौन-कौन से खर्च शामिल होते हैं?

फंड मैनेजर की फीस: जो विशेषज्ञ आपके पैसे को सही जगह निवेश करते हैं, उनकी सेवाओं के लिए।

मार्केटिंग और डिस्ट्रिब्यूशन कॉस्ट: फंड की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए प्रचार और बिक्री से जुड़े खर्च।

एडमिनिस्ट्रेटिव खर्च: फंड के संचालन और प्रबंधन से जुड़े ऑफिस खर्च, जैसे कि कागजी कार्रवाई, कानूनी फीस आदि।

क्लाइंट सर्विसिंग खर्च: निवेशकों की सहायता और सेवा के लिए होने वाले खर्च।

Mutual Fund

Expense Ratio जरूर चेक करें (फोटो सोर्स-इंटरनेट)

एक्सपेंस रेशियो क्यों महत्वपूर्ण है?

एक्सपेंस रेशियो आपके निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को सीधे प्रभावित करता है। उच्च एक्सपेंस रेशियो वाले फंड में निवेश करने पर आपका रिटर्न कम हो सकता है, खासकर अगर आप लॉन्ग टर्म निवेश कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि दो फंडों का रिटर्न समान है लेकिन एक फंड का एक्सपेंस रेशियो 2% है और दूसरे का 0.5%, तो कम खर्च वाला फंड आपके लिए बेहतर होगा क्योंकि यह कम कटौती करेगा।

एक्सपेंस रेशियो पर ध्यान क्यों दें?

लंबे समय में बड़ा फर्क: एक्सपेंस रेशियो की कटौती समय के साथ बढ़ती जाती है, जिससे आपके निवेश की कुल वृद्धि पर नकारात्मक असर पड़ता है।

कम खर्च, ज्यादा बचत: कम एक्सपेंस रेशियो वाले फंड में निवेश करना आपके पोर्टफोलियो के लिए फायदेमंद रहता है।

फंड की गुणवत्ता का संकेत: हालांकि कम खर्च हमेशा अच्छा संकेत नहीं होता, लेकिन बहुत ज्यादा खर्च भी फंड के प्रदर्शन पर सवाल उठा सकता है।

SIP शुरू करने से पहले एक्सपेंस रेशियो कैसे चेक करें?

SIP शुरू करने से पहले अपने चुने हुए म्यूचुअल फंड की एक्सपेंस रेशियो जरूर देखें। यह जानकारी आपको फंड की वेबसाइट, अम्फ़ी (AMFI) वेबसाइट, या विभिन्न वित्तीय पोर्टल्स पर आसानी से मिल जाएगी। एक्सपेंस रेशियो के साथ-साथ फंड के पिछले प्रदर्शन, फंड मैनेजर की विश्वसनीयता और फंड की किस्म (equity, debt, hybrid) भी ध्यान में रखें।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले एक्सपेंस रेशियो को समझना और जांचना बेहद जरूरी है क्योंकि यह आपके निवेश के रिटर्न को प्रभावित करता है। हमेशा ऐसे फंड चुनें जिनका एक्सपेंस रेशियो उचित हो और जो आपकी निवेश जरूरतों के अनुकूल हो। इसके अलावा, बाजार में उपलब्ध विकल्पों की तुलना करके ही निवेश निर्णय लें। इस तरह आप न केवल अपने निवेश को सुरक्षित रख पाएंगे बल्कि बेहतर रिटर्न भी पा सकेंगे।

नोट: निवेश से जुड़े फैसले व्यक्तिगत वित्तीय सलाहकार की सलाह से करें और जोखिम को समझकर ही निवेश करें। डाइनामाइट न्यूज़ किसी प्रकार के निवेश की सलाह नही देता है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 24 July 2025, 11:54 AM IST

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