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RBI के 25 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट कट का असर शुरू हो गया है। PNB, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने लोन की ब्याज दरें घटा दी हैं। अब होम लोन और पर्सनल लोन की EMI होगी कम।
रेपो रेट कट का असर शुरू (Img Source: Google)
New Delhi: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद अब इसका सीधा फायदा आम बैंक ग्राहकों को मिलने लगा है। आरबीआई ने हाल ही में रेपो रेट घटाकर 5.25 प्रतिशत कर दिया था, जिसके बाद कई प्रमुख सरकारी बैंकों ने अपने लोन की ब्याज दरों में कटौती कर दी है। इसका सीधा असर होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन और बिजनेस लोन पर पड़ेगा। अब ग्राहकों को पहले की तुलना में कम ब्याज चुकाना होगा और उनकी मासिक ईएमआई भी घटेगी।
इस फैसले से खासतौर पर मध्यम वर्ग और नए लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत मिलने वाली है। बैंकिंग सेक्टर में इसे कर्ज सस्ता होने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जिससे बाजार में मांग बढ़ने की संभावना भी मजबूत हुई है।
देश के प्रमुख सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने अपने ग्राहकों को राहत देते हुए रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। पहले यह दर 8.35 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 8.10 प्रतिशत हो गई है।
इसका सीधा फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा जिनका लोन रेपो रेट से जुड़ा हुआ है। हालांकि बैंक ने अपनी MCLR दरों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया है। नई ब्याज दरें 6 दिसंबर से लागू हो चुकी हैं।
रेपो रेट में कटौती के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) ने भी अपने ग्राहकों को राहत दी है। बैंक ने अपने Baroda Repo Linked Lending Rate (BRLLR) में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी है। अब बैंक का BRLLR 8.15 प्रतिशत से घटकर 7.90 प्रतिशत हो गया है। इसका फायदा होम लोन और अन्य रिटेल लोन लेने वाले ग्राहकों को मिलेगा।
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इंडियन बैंक ने भी अपने Repo Linked Benchmark Lending Rate (RBLR) में कटौती का ऐलान किया है। बैंक ने इस दर को 8.20 प्रतिशत से घटाकर 7.95 प्रतिशत कर दिया है। इस फैसले से इंडियन बैंक के लाखों ग्राहकों के लिए लोन लेना अब और सस्ता हो जाएगा। नई दरें भी 6 दिसंबर से प्रभावी कर दी गई हैं।
बैंक ऑफ इंडिया (BOI) ने भी अपने Repo Based Lending Rate (RBLR) में 0.25 फीसदी की कटौती की है। इसके बाद बैंक की नई RBLR दर 8.10 प्रतिशत हो गई है। यह नई दरें 5 दिसंबर से लागू कर दी गई हैं, जिससे मौजूदा और नए दोनों तरह के ग्राहकों को राहत मिलेगी।
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रेपो रेट से जुड़े लोन में ब्याज दर घटने का सीधा असर ईएमआई पर पड़ता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी का 20 लाख रुपये का होम लोन है, तो ब्याज दर 0.25% घटने से हर महीने सैकड़ों रुपये की बचत हो सकती है। लंबे समय में यह बचत लाखों रुपये तक पहुंच सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में और भी बैंक अपने लोन रेट्स में कटौती कर सकते हैं, जिससे बाजार में कर्ज लेना और आसान हो सकता है।