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क्या SIP या Mutual Fund में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है? जानिए दोनों के बीच का फर्क, उनके फायदे, रिस्क फैक्टर और कौन-सा निवेश तरीका आपके लिए बेहतर रहेगा ताकि आप लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न पा सकें। जानें आपके लिए कौन सा विकल्प सही रहेगा।
SIP और Mutual Fund में फर्क
New Delhi: निवेश की दुनिया में आजकल सबसे ज्यादा चर्चा दो विकल्पों की होती है SIP (Systematic Investment Plan) और Mutual Fund। दोनों ही लोकप्रिय हैं, लेकिन लोगों के मन में अक्सर यह सवाल रहता है कि आखिर ज्यादा फायदा किसमें है? आइए समझते हैं कि दोनों में क्या अंतर है, उनके लाभ क्या हैं और आपके लिए कौन सा विकल्प सही रहेगा।
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि Mutual Fund एक निवेश उत्पाद है, जबकि SIP निवेश करने का तरीका है। यानी आप Mutual Fund में दो तरीकों से निवेश कर सकते हैं
SIP बनाम Mutual Fund किसमें है ज्यादा फायदा
SIP में निवेश करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे रिस्क कम होता है। मार्केट ऊपर-नीचे होता रहता है, लेकिन जब आप हर महीने निवेश करते हैं तो कभी कम दाम पर ज़्यादा यूनिट मिलती हैं और कभी ज़्यादा दाम पर कम यूनिट। इस प्रक्रिया को Rupee Cost Averaging कहा जाता है।
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SIP लंबी अवधि में निवेश करने के लिए बेहतर विकल्प है क्योंकि इसमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है और छोटी रकम से भी बड़ी पूंजी तैयार की जा सकती है।
अगर आपके पास एक बार में बड़ी रकम है, तो आप Lump Sum निवेश चुन सकते हैं। मार्केट सही समय पर पकड़ा जाए तो रिटर्न काफी अच्छा मिल सकता है। हालांकि इसमें रिस्क भी ज्यादा रहता है, क्योंकि एक साथ पूरा पैसा मार्केट में लग जाता है।
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अगर आप हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम निवेश कर सकते हैं और लंबी अवधि का लक्ष्य रखते हैं, तो SIP सबसे अच्छा विकल्प है। वहीं अगर आपके पास पहले से फंड उपलब्ध है और मार्केट स्थिति अनुकूल है, तो Lump Sum निवेश भी फायदेमंद हो सकता है।
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