देश में हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग को नई रफ्तार, रेयर अर्थ मैग्नेट उत्पादन के लिए 7,280 करोड़ की स्कीम पास

मोदी सरकार ने रेयर अर्थ मैग्नेट के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 7,280 करोड़ रुपये की नई स्कीम को मंजूरी दे दी है। यह योजना भारत की महत्वपूर्ण मिनरल्स पर निर्भरता कम करेगी और हाई-टेक सेक्टर्स जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, डिफेंस और इलेक्ट्रॉनिक्स को मजबूत सपोर्ट देगी।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 26 November 2025, 4:56 PM IST
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New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए ऐतिहासिक रही। कैबिनेट ने 7,280 करोड़ रुपये के व्यय के साथ रेयर अर्थ मैग्नेट के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने वाली एक महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद इसकी जानकारी दी।

इम्पोर्ट निर्भरता कम करने की दिशा में बड़ा कदम

सरकार के सामने पेश किए गए प्रस्ताव के अनुसार यह योजना सात साल की वैधता के साथ तैयार की गई हैइसका उद्देश्य भारत की महत्त्वपूर्ण मिनरल्स पर विदेशी निर्भरता को कम करना और उभरते हुए हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स के लिए एक मजबूत सप्लाई चेन तैयार करना है। वर्तमान समय में रेयर अर्थ मैग्नेट्स का बड़ा हिस्सा आयात पर आधारित है, जिससे लागत बढ़ती है और वैश्विक बाजार की अनिश्चितताओं का खतरा भी बना रहता है।

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6,000 टन वार्षिक उत्पादन क्षमता का लक्ष्य

इस स्कीम के लागू होने से भारत में लगभग 6,000 टन रेयर अर्थ मैग्नेट्स की वार्षिक उत्पादन क्षमता स्थापित होने की उम्मीद जताई गई है। ये मैग्नेट इलेक्ट्रिक वाहनों, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स, विंड टर्बाइनों, रक्षा प्रणालियों और कई आधुनिक तकनीकी उपकरणों के प्रमुख घटक हैं। घरेलू उत्पादन बढ़ने से न केवल इन क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि भारत वैश्विक सप्लाई चेन का भी महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकेगा।

फाइनेंस मिनिस्ट्री पहले ही दे चुकी है हरी झंडी

जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने स्कीम को पहले ही मंजूरी दे दी थी। कैबिनेट की औपचारिक स्वीकृति के बाद अब यह योजना अगले वित्तीय वर्ष से लागू होने की पूरी संभावना है। सरकार का मानना है कि यह प्रोजेक्ट Make in India और आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत आधार देगा।

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हाई-टेक सेक्टर्स के लिए होगा बड़ा लाभ

रेयर अर्थ मैग्नेट्स का घरेलू उत्पादन बढ़ने से इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को गति मिलेगी, जबकि रक्षा और अंतरिक्ष तकनीक जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को स्थिर और विश्वसनीय सप्लाई मिल सकेगी। विशेषज्ञों के अनुसार यह स्कीम आने वाले वर्षों में भारत को हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी।

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  • 26 November 2025, 4:56 PM IST