

बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान चल रहा है, जिसे लेकर पूरे राज्य में राजनीति गर्म है। आइए समझते हैं कि यह प्रक्रिया क्या है और विपक्षी दल इसका विरोध क्यों कर रहे हैं।
बिहार मतदाता सूची संशोधन
Patna: बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) अभियान चल रहा है, जिसे लेकर पूरे राज्य में राजनीति गर्म है। आइए समझते हैं कि यह प्रक्रिया क्या है और विपक्षी दल इसका विरोध क्यों कर रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, बिहार में चुनाव आयोग ने 24 जून 2025 को एक अधिसूचना जारी कर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू की। इसका उद्देश्य है:
इस प्रक्रिया में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) 25 जुलाई तक घर-घर जाकर जानकारी जुटा रहे हैं, जिसके आधार पर 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होगी। आपत्तियों व दावों का समय 1 सितंबर तक होगा और अंतिम सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होगी।
2003 की वोटर लिस्ट को आधार बनाना है। जिनके माता-पिता का नाम 2003 की वोटर लिस्ट में है, उन्हें सिर्फ़ अपने पहचान दस्तावेज़ देने हैं। लेकिन जिनके माता-पिता का नाम 2003 की लिस्ट में नहीं है, उन्हें अतिरिक्त दस्तावेज़ देने पड़ेंगे, जो कि बड़ी संख्या (लगभग 2.93 करोड़ लोग) को प्रभावित कर रहा है।
बिहार में कई लोग आर्थिक, सामाजिक और भौगोलिक कारणों से जरूरी दस्तावेज़ (जन्मतिथि, जन्मस्थान आदि) समय पर नहीं जुटा पा रहे हैं। 26 जुलाई तक प्रमाण देना हर किसी के लिए संभव नहीं है।
विपक्षी दलों का कहना है कि ये प्रक्रिया National Register for Citizens (NRC) को लाने का "छुपा हुआ प्रयास" है। उनका कहना है कि गरीब, दलित, मुस्लिम और आदिवासी समुदायों के लोगों को जानबूझकर सूची से बाहर किया जा रहा है।
विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग अति-जल्दी में यह काम कर रहा है, जिससे लाखों असली मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं। तेजस्वी यादव ने इस अभियान को “बीजेपी और नीतीश का गोदी आयोग” कहकर निशाना बनाया है।
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आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया Representation of the People Act, 1950 के तहत हो रही है। मतदाता सूची में नाम जोड़ने का अंतिम अधिकार ERO (Electoral Registration Officer) के पास होता है, न कि सीधे चुनाव आयोग के पास। यह केवल निर्देश और फ्रेमवर्क देता है, नीतिगत निर्णय ERO लेते हैं।
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25 जुलाई तक BLO घर-घर जाकर डेटा इकट्ठा करेंगे। 1 अगस्त को ड्राफ्ट सूची जारी होगी। 1 सितंबर तक दावे-आपत्ति ली जाएगी। 30 सितंबर को अंतिम सूची प्रकाशित होगी।