

गुजरात के वडोदरा जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला गंभीरा पुल बुधवार सुबह अचानक ढह गया।
वडोदरा-आणंद को जोड़ने वाला गंभीरा पुल टूटा
Vadodara: गुजरात के वडोदरा जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला गंभीरा पुल बुधवार सुबह अचानक ढह गया। हादसे के समय पुल पर कई वाहन मौजूद थे, जो पुल के साथ ही महिसागर नदी में गिर गए। इस दर्दनाक दुर्घटना में 9 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। राहत और बचाव कार्य में लगे दमकल कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए तीन लोगों की जान बचाई है।
गंभीरा पुल वडोदरा और आणंद जिलों को आपस में जोड़ता है और यह महिसागर नदी पर बना हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह अचानक एक तेज आवाज के साथ पुल का एक हिस्सा टूटकर नदी में समा गया, जिससे 4-5 वाहन सीधे नदी में गिर गए। जैसे ही घटना की जानकारी प्रशासन को मिली, स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और बचाव अभियान शुरू कर दिया।
महिसागर नदी पर बना गंभीरा पुल ढहा
पुल टूटने से वडोदरा और आणंद के बीच संपर्क पूरी तरह से बाधित हो गया है। दोनों तरफ सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। पुलिस ने यातायात को डायवर्ट कर वैकल्पिक मार्गों से चलने की अपील की है। अब लोगों को वडोदरा से आणंद पहुंचने के लिए लगभग 40 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ेगा, जिससे आम जनता को भारी असुविधा हो रही है।
इस हादसे को लेकर विपक्ष ने भी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता अमित चावड़ा ने सोशल मीडिया पर हादसे का वीडियो साझा करते हुए प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया। उन्होंने आरोप लगाया कि गंभीरा पुल पिछले लंबे समय से जर्जर स्थिति में था और स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत की थी, लेकिन प्रशासन ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की।
આણંદ અને વડોદરા જિલ્લાને જોડતો મુખ્ય ગંભીરા બ્રીજ તૂટી પડ્યો છે.અનેક વાહનો નદીમાં પડતા મોટી જાનહાનિ થઈ હોવાની શક્યતા છે. સરકારી તંત્ર તાત્કાલિક બચાવ કામગીરી હાથ ધરે અને ટ્રાફિક માટે વૈકલ્પિક વ્યવસ્થા કરવામાં આવે.@CMOGuj @dgpgujarat @Bhupendrapbjp @sanghaviharsh @CollectorAnd pic.twitter.com/Xn1vIB9QEs
— Amit Chavda (@AmitChavdaINC) July 9, 2025
घटना के बाद गुजरात सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मौके पर मेडिकल टीमों और इंजीनियरों की एक विशेष टीम भेजी है। फिलहाल हादसे के कारणों की जांच जारी है। प्रारंभिक जांच से यह संकेत मिल रहा है कि पुल की मरम्मत को लेकर लापरवाही बरती गई थी, हालांकि इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी।
हादसे के बाद बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। जहां एक ओर सरकार ‘विकास’ के नाम पर बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं दूसरी ओर इस तरह की घटनाएं आम जनता की जान जोखिम में डाल रही हैं। पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग भी जोर पकड़ रही है।
हादसे की जांच के साथ-साथ अब यह देखना होगा कि प्रशासन और सरकार जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है।