

यूपी के चंदौली जनपद के मुगलसराय जंक्शन पर ऑटो स्टैंड विवाद गहरा गया है, रेलवे ने पार्सल गेट के पास से स्टैंड हटा दिया है, जिसके बाद चालकों ने वैकल्पिक स्थान की मांग कर रहे हैं।
चालकों ने रेलवे से मांगी वैकल्पिक जगह
Chandauli: मुगलसराय जंक्शन पर ऑटो चालकों और रेलवे प्रशासन के बीच स्टैंड को लेकर तनाव बढ़ गया है। रेलवे प्रशासन ने पार्सल गेट के पास वर्षों से संचालित हो रहे ऑटो स्टैंड को अवैध घोषित कर हटाने की कार्रवाई शुरू की है, जिससे ऑटो चालकों में भारी आक्रोश व्याप्त है। चालकों ने वैकल्पिक स्थान की मांग करते हुए कहा है कि स्टैंड हटने से उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह ऑटो स्टैंड 1 जनवरी 1997 से संचालित हो रहा था। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक द्वारा इसे पार्सल गेट की दिशा में स्थानांतरित करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब रेलवे प्रशासन इसे अवैध बताते हुए हटाने को तैयार है। मंगलवार को आरपीएफ इंस्पेक्टर और सीएसजी अधिकारी फोर्स के साथ पहुंचे और स्टैंड को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
ऑटो चालकों का आरोप है कि वे प्रतिदिन 50 से 70 रुपये तक की वसूली कर ठेकेदार को भुगतान करते आ रहे हैं। 10 नवंबर 2023 से एक नया ठेका लागू किया गया, जिसके तहत प्रत्येक ट्रिप पर 10 रुपये वसूले जा रहे हैं। इसको लेकर चालकों ने वरिष्ठ मंडल अधिकारी से कई बार शिकायत की थी, जिस पर अधिकारियों ने टेंडर निकालने और नई व्यवस्था लागू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
ऑटो चालकों की रोजी पर संकट
मंडल रेल प्रबंधक उदय सिंह मीना ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि सभी ऑटो चालक केवल अस्थायी रूप से निर्धारित स्टैंड पर ही वाहन खड़ा करें। आरपीएफ प्रभारी प्रदीप रावत ने चेतावनी दी कि निर्धारित स्थान के अलावा कहीं भी वाहन खड़ा करने पर चालान और अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रेलवे द्वारा स्टैंड क्षेत्र में बैरिकेडिंग भी कर दी गई है ताकि अनधिकृत पार्किंग को रोका जा सके। इससे चालकों को स्टेशन पर सवारियां लेने-छोड़ने में काफी परेशानी हो रही है। ऑटो चालकों का कहना है कि अगर उन्हें कोई वैकल्पिक स्थान नहीं दिया गया, तो वे भूखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे।
इस विवाद के चलते स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। स्टेशन के बाहर अराजकता की स्थिति बनी हुई है, और यात्रियों को ऑटो के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
ऑटो यूनियन के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया और स्थायी समाधान नहीं निकाला गया, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
रेलवे प्रशासन और ऑटो चालकों के बीच इस टकराव का असर न केवल स्थानीय यातायात व्यवस्था पर पड़ रहा है, बल्कि इससे हजारों परिवारों की आजीविका भी दांव पर लग गई है। अब देखना यह है कि रेलवे प्रशासन ऑटो चालकों को राहत देने के लिए क्या वैकल्पिक कदम उठाता है।