

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और सात अन्य राज्यों के उपचुनावों में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए 470 अधिकारियों को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में तैनात करने का फैसला लिया है।
चुनावी सरगर्मियां तेज
New Delhi: चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और सात अन्य राज्यों के उपचुनावों में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए 470 अधिकारियों को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में तैनात करने का फैसला लिया है। ये पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया की पूरी निगरानी करेंगे और आयोग को समय-समय पर रिपोर्ट देकर सुधार के सुझाव देंगे। उनका मुख्य उद्देश्य चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना तथा चुनाव खर्च की भी सख्त निगरानी करना है।
चुनाव आयोग ने बिहार के विधानसभा चुनाव के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, झारखंड, तेलंगाना, पंजाब, मिजोरम और ओडिशा में होने वाले उपचुनावों के लिए कुल 470 अधिकारियों को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया है। इनमें 320 भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी, 60 भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी और 90 भारतीय राजस्व सेवा (IRS), आईआरएएस, आईसीएएस आदि के अधिकारी शामिल हैं। ये अधिकारी विभिन्न राज्यों में तैनात हैं और निर्वाचन प्रक्रिया में आयोग की ओर से कड़ी निगरानी करेंगे।
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चुनाव आयोग के अनुसार, केंद्रीय पर्यवेक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव की निगरानी के लिए नियुक्त किए जाते हैं और आयोग की देखरेख में कार्य करते हैं। इनका काम चुनाव के सभी चरणों को निष्पक्ष, तटस्थ और विश्वसनीय बनाना है, जो हमारे लोकतंत्र की मजबूती का आधार है। पर्यवेक्षक आयोग के “आंख और कान” होते हैं और समय-समय पर आयोग को रिपोर्ट करते रहते हैं।
पर्यवेक्षकों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है — सामान्य पर्यवेक्षक, पुलिस पर्यवेक्षक और व्यय पर्यवेक्षक। सामान्य और पुलिस पर्यवेक्षक अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव की निष्पक्षता और प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करते हैं, जबकि व्यय पर्यवेक्षक उम्मीदवारों के चुनाव खर्च की निगरानी करते हैं ताकि अनियमितता न हो। इनके सुझाव चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।
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चुनाव आयोग ने प्रेस नोट में स्पष्ट किया है कि पर्यवेक्षक न केवल चुनाव की निगरानी करते हैं, बल्कि मतदाताओं की जागरूकता और चुनाव में भागीदारी बढ़ाने में भी योगदान देते हैं। आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 और प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20बी के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी हों।
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बिहार विधानसभा चुनाव और उपरोक्त राज्यों के उपचुनावों में तैनात ये 470 अधिकारी न केवल चुनाव प्रक्रिया की निगरानी करेंगे, बल्कि उन क्षेत्रों की पहचान कर सुधार के लिए ठोस सुझाव भी देंगे। इससे चुनाव में निष्पक्षता और प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी। यह कदम चुनाव आयोग की कड़ी मेहनत का प्रमाण है जो देश में लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में उठाया जा रहा है।