हिंदी
बिहार चुनाव 2025 में NDA की जीत के बाद नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. गांधी मैदान में भव्य समारोह की तैयारी है. नया कार्यकाल उन्हें देश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्यमंत्री के रिकॉर्ड के और करीब ले जाएगा।
नीतीश का राजनीतिक सफर (Img source: Google)
Patna: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA को साफ़ बहुमत मिलने के साथ, राज्य की राजनीति एक बार फिर नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द घूम रही है। गठबंधन ने उन्हें विधायक दल का नेता चुना है, और वे गुरुवार (20 नवंबर, 2025) को पटना के गांधी मैदान में एक बड़े समारोह में 10वीं बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले हैं। यह नया चैप्टर न सिर्फ़ सत्ता में वापसी का प्रतीक है, बल्कि भारतीय राजनीति में एक अनोखा रिकॉर्ड बनाने की दिशा में एक अहम कदम भी है।
नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री के रूप में सफर मार्च 2000 में शुरू हुआ था। पिछले 19 साल 93 दिनों में उन्होंने बिहार की राजनीति को कई मोड़ दिए। गठबंधन बदले, समीकरण बदले, लेकिन उनका नेतृत्व लगातार कायम रहा। इस दौरान केवल एक बार मई 2014 से फरवरी 2015 जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री रहे, बाकी समय प्रदेश की कमान नीतीश के हाथों में रही।
अब 10वीं बार शपथ लेने के साथ वह उस रिकॉर्ड के और करीब पहुंच जाएंगे, जो अभी सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के नाम है। अगर आने वाले पांच साल उनका कार्यकाल स्थिर रहा तो नीतीश देश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
Bihar CM: नीतीश से मिले चिराग पासवान, नई सरकार की रूपरेखा पर मंथन शुरू
पटना का गांधी मैदान एक बार फिर ऐतिहासिक पल का गवाह बनने जा रहा है। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय नेता शामिल होंगे। नीतीश कुमार के साथ दो उपमुख्यमंत्री और लगभग 20 मंत्री शपथ ले सकते हैं। यह आयोजन नीतीश की राजनीतिक ताकत को फिर से मजबूती देता दिखाई देगा।
इस चुनाव में भाजपा ने 89 सीटें और जेडीयू ने 85 सीटें जीतकर NDA को स्पष्ट बहुमत दिलाया। दूसरी ओर RJD को केवल 25, कांग्रेस को 6 और AIMIM को 5 सीटें मिलीं। यह नतीजे दिखाते हैं कि बिहार की जनता ने एक बार फिर NDA को सत्ता में वापसी का मौका दिया है और नीतीश के नेतृत्व को स्वीकार किया है।
नए कार्यकाल के साथ चुनौतियां भी सामने होंगी रोजगार, शिक्षा, कानून-व्यवस्था और बुनियादी ढांचा विकास जैसे मुद्दे प्राथमिकता में रहेंगे। लेकिन बड़े सवाल के बीच सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि क्या नीतीश अपने कार्यकाल को पूरा कर देश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड कायम कर पाएंगे।