

उत्तराखंड के सहसपुर क्षेत्र में ट्रैकिंग पर गए 8 युवक-युवतियां जंगल में रास्ता भटक गए। अंधेरा और नेटवर्क न होने से स्थिति बिगड़ती गई। लेकिन पुलिस ने रातभर ऑपरेशन चलाकर सभी का सकुशल रेस्क्यू किया।
ट्रैकिंग पर निकले 8 युवा फंसे जंगल में
Dehradun: उत्तराखंड पुलिस ने एक बार फिर मानवता और बहादुरी की मिसाल पेश की है। विकास नगर क्षेत्र के घने जंगल में ट्रैकिंग पर गए 8 युवाओं का दल अंधेरा होने के बाद रास्ता भटक गया। सूचना मिलते ही सहसपुर पुलिस ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और रातभर की कड़ी मशक्कत के बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
घटना सहसपुर कोतवाली क्षेत्र के कोटी ढलानी से भद्राज मंदिर ट्रैकिंग रूट की है। शनिवार शाम को 5 युवक और 3 युवतियों का दल ट्रैकिंग के लिए गया था, लेकिन लौटते वक्त घने जंगल में अंधेरा हो जाने के कारण वे रास्ता भटक गए। मोबाइल नेटवर्क की समस्या और घनघोर जंगल की वजह से स्थिति गंभीर होती जा रही थी।
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जैसे ही युवाओं के जंगल में फंसे होने की खबर सहसपुर कोतवाली पुलिस को मिली, थाना प्रभारी ने बिना समय गंवाए रेस्क्यू टीम को रवाना किया। ग्रामीणों की मदद ली गई और एक संगठित ऑपरेशन चलाया गया।
उत्तराखंड पुलिस ने सहसपुर के जंगल में रास्ता भटक गए 8 ट्रैकर्स का शानदार रेस्क्यू किया। कड़ी मशक्कत के बाद सभी युवक-युवतियां सुरक्षित घर पहुंचे। पुलिस की बहादुरी और तेजी की लोगों ने खूब सराहना की। #RescueMission #Uttarakhand #Dehradun pic.twitter.com/8faH1yop7V
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 28, 2025
पुलिस और ग्रामीणों ने ट्रैकिंग रूट पर सर्च अभियान शुरू किया। कई घंटे की कड़ी मेहनत और जंगल के मुश्किल रास्तों को पार करते हुए आखिरकार सभी 8 युवाओं को ढूंढ निकाला गया। रात करीब 2 बजे तक चला ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा।
1. पंकज कुमार (23), रतनपुर चौकी, थाना पटेल नगर
2. उज्जवल पांडे (21), नंद की चौकी, थाना प्रेम नगर
3. सोमेश श्रीवास्तव (24), बल्लूपुर, थाना कैंट
4. मनीष जोशी (24), वसंत विहार
5. कमल मित्तल (23), ब्रह्मपुरी, थाना रायपुर
6. खुशी पवार (20), करी गांव, प्रेम नगर
7. रिया मेहरा (22), स्मिथ नगर, प्रेम नगर
8. संध्या बिष्ट (22), पूजा बिहार, ISBT के निकट
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इन सभी को सुरक्षित निकालकर उनके घर भेज दिया गया। परिजन और स्थानीय लोग पुलिस की त्वरित कार्रवाई और हिम्मत की जमकर सराहना कर रहे हैं।
उत्तराखंड पुलिस की सक्रियता और मानवता एक बार फिर लोगों के सामने आई। यदि पुलिस समय पर कार्रवाई न करती, तो स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती थी। रेस्क्यू ऑपरेशन में न केवल फिजिकल एफर्ट बल्कि टीमवर्क और सूझबूझ भी दिखाई दी।