

यूपी सरकार के 5,000 स्कूल बंद कर 50,000 मधुशालाएं खोलने के फैसले ने विवाद खड़ा कर दिया। कांग्रेस ने इसे जनविरोधी और शिक्षा विरोधी कदम बताया।
Mahrajganj: उत्तर प्रदेश सरकार के पांच हजार कम्पोजिट स्कूलों को बंद कर पचास हजार मधुशालाएं खोलने के फैसले ने सियासी हलकों में खलबली मचा दी है। कांग्रेस ने इसे जनविरोधी और समाज को बर्बादी की ओर ले जाने वाला कदम करार दिया है। कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता शिक्षा नहीं, बल्कि नशे को बढ़ावा देना और बेरोजगारी को स्थायी करना है।
कांग्रेस नेता गोविन्द मिश्रा और विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार शिक्षा के अधिकार अधिनियम को कमजोर कर रही है, जो कांग्रेस शासन में बच्चों को शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागू हुआ था। उन्होंने सवाल उठाया कि जब तेलंगाना जैसे राज्य एक बच्चे के लिए भी स्कूल खोल रहे हैं, तो यूपी में स्कूल बंद करने की क्या मजबूरी? यह फैसला बच्चों को अशिक्षा और नशे की ओर धकेलने की साजिश है। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि अगर यह निर्णय वापस नहीं हुआ, तो कार्यकर्ता हर प्रभावित स्कूल में अभिभावकों के साथ मिलकर जन आंदोलन चलाएंगे।