निरीक्षण के दौरान कुल सात मेडिकल स्टोरों की जांच की गई। सचिव सिमरनजीत कौर ने जानकारी दी कि निरीक्षण के दौरान एक मेडिकल स्टोर पर साफ-सफाई की स्थिति अत्यंत खराब पाई गई, जिसके चलते तत्काल उस स्टोर को बंद कराने के निर्देश दिए गए। साथ ही स्टोर स्वामी को उचित सफाई के बाद ही स्टोर को दोबारा खोलने की अनुमति देने की बात कही गई। एक अन्य स्टोर पर फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति या अयोग्यता को देखते हुए फार्मासिस्ट बदलने के निर्देश दिए गए।
मेडिकल स्टोर संचालकों को सख्त निर्देश
निरीक्षण के दौरान मेडिकल स्टोर संचालकों को सख्त निर्देश दिए गए कि वे दवाइयों को नियमानुसार स्टोर करें और काउंटर पर किसी भी प्रकार की एक्सपायरी दवाइयां उपलब्ध न हों। इसके अलावा, नारकोटिक दवाइयों की बिक्री और उपयोग का पूर्ण विवरण एक रजिस्टर में लिखित रूप में सुरक्षित रखना अनिवार्य बताया गया। यह रजिस्टर किसी भी समय निरीक्षण के लिए प्रस्तुत करने योग्य होना चाहिए।
उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई
ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने स्पष्ट रूप से कहा कि एक्सपायरी दवाइयों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है और इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि निरीक्षण के दौरान एक फार्मास्युटिकल कंपनी का भी निरीक्षण किया गया है, और उसके रिकॉर्ड्स की भी जांच की जा रही है।
सचिव सिमरनजीत कौर और अनीता भारती ने संयुक्त रूप से कहा कि यह कार्यवाही आगे भी लगातार जारी रहेगी, और किसी भी प्रकार की लापरवाही या नियमों की अनदेखी करने वाले मेडिकल स्टोरों के खिलाफ लाइसेंस रद्द करने जैसी कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यह कदम आम जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है ताकि चिकित्सा क्षेत्र में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके।