

रुद्रप्रयाग स्थित क्रौंच पर्वत पर दिव्य और पौराणिक भगवान कार्तिक स्वामी मंदिर एक बार फिर भक्ति, श्रद्धा और वैदिक परंपराओं का साक्षी बना। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कार्तिक स्वामी मंदिर में भव्य धार्मिक आयोजन
रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के प्रतिष्ठित एवं प्राचीन मंदिरों में शामिल क्रौंच पर्वत पर स्थित भगवान कार्तिकेय को समर्पित कार्तिक स्वामी मंदिर में रविवार को एक विशेष धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस पावन अवसर पर मंदिर परिसर में 108 बालमपुरी शंखों की विशेष पूजा एवं हवन विधिपूर्वक संपन्न किया गया। जिसने न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कियाए बल्कि देश की सांस्कृतिक एकता का भी प्रेरणादायक प्रतीक प्रस्तुत किया।
जानकारी के अनुसार यह आयोजन उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद, जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग एवं कार्तिक स्वामी मंदिर समिति के संयुक्त प्रयासों से सम्पन्न हुआ।
कार्तिक स्वामी मंदिर में दर्शनों के लिए पहुंची केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड सहित देश के विभिन्न राज्यों से हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें तमिलनाडु राज्य के छह प्रमुख मंदिरों के प्रतिष्ठित शिवाचार्य विशेष रूप से सम्मिलित हुए।
इन प्रमुख मठों में माईलम एथेनमए कूनमपट्टी एथेनमए कौमारा मुथ्त एथेनमए श्रृंगेरी मठ जैसे मंदिर शामिल थे। इन शिवाचार्यों ने उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक विरासत को एक सूत्र में पिरोते हुए न केवल शंख पूजा व वैदिक हवन अनुष्ठान सम्पन्न कराएए बल्कि स्थानीय परंपराओं के साथ भी आत्मीय संवाद स्थापित किया।
शंख पूजा और वैदिक हवन अनुष्ठान
जनसमूह को संबोधित करते हुए विधायक आशा नौटियाल ने कहा कि कार्तिक स्वामी मंदिर को धार्मिक पर्यटन के दृष्टिकोण से एक मॉडल स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
उन्होंने मंदिर तक पहुँच मार्ग, पार्किंग,धर्मशालाए शौचालय एवं पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के शीघ्र निर्माण की घोषणा की। साथ ही मंदिर को राष्ट्रीय धार्मिक धरोहर के रूप में विकसित करने की आवश्यकता भी बताई।
तमिलनाडु से आए प्रमुख मंदिरों के प्रतिष्ठित शिवाचार्य ने नवाया शीश
कौशल विकास सचिव रवि शंकर ने कहा कि यह भव्य आयोजन लगातार तीसरे वर्ष आयोजित किया गया है। इस अवसर पर दक्षिण भारत के कार्तिक स्वामी मंदिरों एवं क्रौंच पर्वत स्थित मंदिर के वस्त्रों का पारंपरिक आदान.प्रदान हुआ।
उत्तर और दक्षिण की संस्कृति को एक सूत्र में पिरोत हुए शिवाचार्य
उन्होंने कहा कि 108 बालमपुरी शंख पूजा के आयोजन से यहां का धार्मिक पर्यटन तीन गुना बढ़ा है। भविष्य में मंदिर को रोपवे योजना से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा हैए साथ ही तीन किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग पर सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे सहित राज्य सरकार, प्रशासन एवं धार्मिक संगठनों के अनेक गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे।
आयोजन में जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौ. मंदिर समिति अध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी, मंडल अध्यक्ष विनोद राणा, उत्तम सिंह नेगी, मगन सिंह, अर्जुन नेगी सहित अनेक स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धालुओं की सेवा और व्यवस्थाओं में सराहनीय योगदान दिया।