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बस्ती में कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध कारोबार में पकड़े गए दो आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 10 साल की सजा और 1-1 लाख रुपये जुर्माना दिया। जीआरपी ने रेलवे स्टेशन से दोनों को कुल 515 सीसी कमर्शियल क्वांटिटी वाला सिरप बरामद कर गिरफ्तार किया था।
फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय बस्ती
Basti: बस्ती में कोडीन युक्त कफ सिरप के धंधे पर अदालत ने सीधे सख्ती दिखा दी है। यूपी में इस तरह के मामलों पर पहले ही सैकड़ों एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। वहीं, अब फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय ने एक केस में तेजी दिखाते हुए दो आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आरोप सही साबित होने पर दोनों को 10 साल की सजा सुनाई है। यह फैसला न्यायाधीश विजय कुमार कटियार ने सुनाया है। कोर्ट का यह फैसला नशे के कारोबार पर बड़ी चोट है।
यह मामला 29 मार्च 2025 का है। जब जीआरपी की टीम रेलवे स्टेशन पर रूटीन चेकिंग कर रही थी। प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर दो युवक संदिग्ध हालत में इधर-उधर घूमते मिले। जैसे किसी ट्रेन का इंतजार कर रहे हों। शक होने पर उन्हें रोका गया। उनकी पहचान अहमर खान उर्फ तारा और रमजान शेख के रूप में हुई। दोनों के बैग की तलाशी ली गई। बैग से 300 सीसी और दूसरे के बैग से 215 सीसी कोडीन युक्त कफ सिरप बरामद हुआ। दोनों को मौके से गिरफ्तार कर एनडीपीएस एक्ट में केस दर्ज किया गया और पूरा मामला अदालत तक पहुंचा।
अदालत में सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता अधिवक्ता कुमार उत्कर्ष और मृत्युंजय उपाध्याय ने मजबूत पैरवी की। उन्होंने कोर्ट को बताया कि बरामद कफ सिरप की मात्रा कमर्शियल क्वांटिटी में आती है। ऐसे मामलों में कम से कम 10 साल की सजा और 1 लाख रुपये जुर्माना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी बताया कि कोडीन आधारित कफ सिरप को नशे में इस्तेमाल किया जाता है। यह युवाओं के लिए गंभीर खतरा है। दवा की बोतल दिखने वाला यह सिरप असल में नशे के नेटवर्क को बढ़ावा देता है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अहमर खान और रमजान शेख को दोषी पाया और दोनों को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोनों पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अगर जुर्माना नहीं भरा जाता है तो दोनों को अतिरिक्त 1 साल की सजा भुगतनी होगी।