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डाइनामाइट न्यूज़ ने यूपी में फैले ड्रग नेटवर्क का पर्दाफाश किया। इस तस्करी के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल के घर पर ईडी की टीम पहुंची थी, लेकिन वकील ने तबीयत का हवाला देते हुए समय मांगा। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि फर्जी फार्मा कंपनियों के जरिए तस्करी की जा रही थी।
शुभम जयसवाल के घर पहुंची डाइनामाइट न्यूज़ टीम
Varanasi: उत्तर प्रदेश में फैले कफ सिरप के नशीले कारोबार का पर्दाफाश करते हुए डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल के आलीशान घर तक पहुंचकर इस मामले की पूरी जड़ की खोज शुरू की। यूपी में फैले इस कच्चे धंधे ने पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था को हिला दिया है और अब पुलिस और ईडी द्वारा इसकी जांच की जा रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने उत्तर प्रदेश में फैले 5000 करोड़ रुपये के ड्रग नेक्सस के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए शुभम जायसवाल के घर की ओर रुख किया। यह ड्रग कारोबार कफ सिरप की तस्करी से जुड़ा हुआ है, जिसे फार्मा कंपनियों के नाम पर फर्जी लाइसेंस बनाकर पूरे प्रदेश में सप्लाई किया जाता है। टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर इस पूरे मामले की तहकीकात की और कई अहम जानकारी हासिल की।
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कल, ईडी की टीम ने शुभम जायसवाल के घर पर नोटिस देने के लिए पहुंची थी, लेकिन जायसवाल के वकील ने टीम को यह कहकर रोक दिया कि उनकी तबीयत खराब है और उन्हें समय चाहिए। यह घटना उस वक्त सामने आई जब यूपी पुलिस के डीजीपी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक एसआईटी टीम गठित की थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि शुभम जायसवाल विदेश में छुपा हुआ है, लेकिन अब तक उसकी लोकेशन का कोई ठोस सुराग नहीं मिल सका है।
डाइनामाइट न्यूज़ की टीम की पड़ताल में सबसे चौकाने वाली बात सामने आई है, जिसमें यह खुलासा हुआ कि कैसे फर्जी फार्मा कंपनियों के नाम पर हजारों फर्जी लाइसेंस बनाए गए थे। इन फर्जी लाइसेंस के माध्यम से करोड़ों रुपये की नशीली कफ सिरप की खेप यूपी के विभिन्न जिलों में सप्लाई की जाती थी। यह गहरी साजिश एक संगठित ड्रग कार्टल की ओर इशारा करती है, जो पूरे राज्य में नशे के कारोबार को फैलाने में लगा था।
पुलिस और जांच एजेंसियों का मानना है कि शुभम जायसवाल का कनेक्शन केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था। जांच में सामने आया है कि यह ड्रग कार्टल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है, और इसके तार विदेशों तक जुड़े हुए हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है कि नशीली दवाओं की तस्करी केवल स्थानीय व्यापार नहीं, बल्कि एक वैश्विक तस्करी नेटवर्क का हिस्सा है।
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उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक एसआईटी टीम गठित की है, जो पूरे राज्य में फैले ड्रग नेटवर्क की जांच करेगी। एसआईटी टीम को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह इस कार्टल के हर पहलू की जांच करे, खासकर उन लोगों को चिन्हित करे जिन्होंने फर्जी लाइसेंस जारी किए थे। टीम यह भी पता लगाएगी कि यह ड्रग नेटवर्क अन्य राज्यों और देशों में कैसे काम कर रहा था।