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गोरखपुर में परिवार परामर्श केंद्र ने एक परिवार को टूटने से बचा लिया। टीम ने एक बार फिर अपने कार्यों से यह साबित कर दिया है कि सही दिशा में की गई काउंसलिंग न सिर्फ विवादों को कम कर सकती है, बल्कि बिखरते परिवार को दोबारा जोड़ रिश्तों की कड़ावहट को मिठास में भी बदला सकती है।
परिवार परामर्श केंद्र ने परिवार को टूटने से बचाया
Gorakhpur: महिला थाना गोरखपुर स्थित परिवार परामर्श केंद्र की टीम ने एक बार फिर अपने कार्यों से यह साबित कर दिया है कि सही दिशा में की गई काउंसलिंग न सिर्फ विवादों को कम कर सकती है, बल्कि बिखरते परिवार को दोबारा जोड़ भी सकती है। केंद्र के सदस्यों की सतत् पहल के चलते आपसी मनमुटाव से जूझ रहे पति-पत्नी एक बार फिर साथ रहने के लिए तैयार हो गए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देश पर परिवार परामर्श केंद्र की टीम द्वारा प्रथम पक्ष लक्ष्मी और द्वितीय पक्ष शिवनाथ के मामले में लगातार कई चरणों में काउंसलिंग की गई। दोनों पक्षों में पिछले कई महीनों से पारिवारिक विवाद और मनमुटाव बढ़ता जा रहा था, जिससे स्थिति तलाक और अलगाव तक पहुँच गई थी। परिवार टूटने के कगार पर खड़ा था, लेकिन परिवार परामर्श केंद्र की विशेषज्ञ टीम ने धैर्य, समझदारी और मनोवैज्ञानिक तरीके से दोनों को सुना, समझा और समाधान की राह दिखाई।
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काउंसलिंग के दौरान पति-पत्नी ने अपने मतभेद, गलतफहमियाँ और आपसी समस्याएँ खुलकर सामने रखीं। केंद्र की टीम ने उन्हें संवाद, संवेदनशीलता और एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करने का महत्व समझाया।
कई बैठकों के बाद दोनों पक्षों के बीच ग़लतफहमियाँ दूर हुईं और रिश्ते में फिर से विश्वास कायम हुआ। अंततः पति-पत्नी बिना किसी दबाव के, अपनी स्वेच्छा से फिर से साथ रहने को राजी हो गए।
केंद्र की इस सफलता में काउंसलर अवनीश चौधरी, परिवार परामर्श केंद्र की प्रभारी उपनिरीक्षक सुनीता, महिला आरक्षी कौशल्या चौहान, आरक्षी सोनी यादव और आरक्षी अंतिमा तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। टीम ने न सिर्फ काउंसलिंग की, बल्कि दोनों परिवारों को भी जागरूक कर आपसी सहयोग और समझदारी का महत्व बताया।
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परिवार परामर्श केंद्र गोरखपुर ने दंपति के उज्ज्वल भविष्य और सुखद वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएँ दी हैं। इस प्रकरण ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि समय पर की गई काउंसलिंग और सही मार्गदर्शन कई परिवारों को टूटने से बचा सकता है। गोरखपुर पुलिस की यह पहल समाज में स्वस्थ पारिवारिक वातावरण और आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने की दिशा में सराहनीय कदम है।