

रामनगर में वाहन स्वामियों ने फिटनेस जांच के स्थानांतरण और शुल्क वृद्धि के विरोध में हड़ताल की, जिससे आम जनता और पर्यटकों को भारी परेशानी हुई। ब्लॉक प्रमुख ने हड़ताल को समर्थन देते हुए सरकार से शीघ्र समाधान की मांग की।
फिटनेस शुल्क बढ़ोतरी पर भड़के वाहन स्वामी
Ramnagar: गुरुवार को कमर्शियल वाहनों की पूरी तरह से हड़ताल रही। फिटनेस जांच को रामनगर से हल्द्वानी स्थानांतरित करने और शुल्क में कई गुना वृद्धि के विरोध में वाहन स्वामियों ने आंदोलन को तेज़ करते हुए वाहनों का संचालन पूर्णतः बंद कर दिया। इसका असर आम लोगों से लेकर सैलानियों तक पर पड़ा।
वाहन स्वामी पिछले डेढ़ महीने से लगातार प्रशासन और सरकार का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर खींचने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ना तो परिवहन विभाग और ना ही शासन स्तर पर अब तक कोई ठोस कदम उठाया गया है। इसी उपेक्षा से नाराज होकर कमर्शियल वाहन चालकों और मालिकों ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया।
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गुरुवार सुबह से ही रामनगर में ऑटो, टैक्सी, मैक्स, विक्रम समेत सभी कमर्शियल वाहनों का संचालन ठप रहा। बस अड्डों, रेलवे स्टेशन और शहर के मुख्य चौराहों पर यात्रियों की भारी भीड़ नजर आई, लेकिन किसी को भी गंतव्य तक जाने का साधन नहीं मिला।
कॉर्बेट नेशनल पार्क में भ्रमण के लिए देश-विदेश से आए पर्यटकों को भी इस हड़ताल का असर झेलना पड़ा। गाइड और जीप वाहन उपलब्ध ना होने के कारण कई पर्यटकों को सफारी रद्द करनी पड़ी, जिससे पर्यटन व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
1. फिटनेस जांच रामनगर में ही हो
पहले यह कार्य सहायक परिवहन कार्यालय रामनगर में न्यूनतम दरों पर होता था, जिससे स्थानीय वाहन स्वामियों को सुविधा मिलती थी।
रामनगर में वाहनों की हड़ताल!
फिटनेस शुल्क बढ़ोतरी और जांच केंद्र स्थानांतरण के विरोध में कमर्शियल वाहनों का संचालन पूरी तरह ठप हो गया है। जिसके चलते आम जनता और पर्यटक परेशान है। वहीं ब्लॉक प्रमुख ने इसका समर्थन किया है।#Ramnagar #VehicleProtest #Uttarakhand pic.twitter.com/f8WIFJCTLR
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 18, 2025
2. शुल्क में की गई वृद्धि वापस हो
वाहन मालिकों का आरोप है कि हल्द्वानी स्थानांतरण के बाद फिटनेस फीस तीन से चार गुना बढ़ा दी गई है। इससे आर्थिक रूप से पहले से जूझ रहे वाहन चालकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है।
3. पुरानी व्यवस्था बहाल हो
उनका कहना है कि फिटनेस जांच को पुनः रामनगर लाया जाए और शुल्क पहले की तरह रखा जाए, अन्यथा आंदोलन को पूरे कुमाऊं में फैलाया जाएगा।
धरना स्थल पर ब्लॉक प्रमुख मंजू नेगी और ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी भी पहुंचे। दोनों नेताओं ने आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
मंजू नेगी ने कहा, अगर आम जनता और वाहन स्वामी परेशान हैं, तो यह प्रशासन की विफलता है। सरकार को जल्द से जल्द बातचीत कर समाधान निकालना चाहिए। संजय नेगी ने कहा, सरकार केवल टैक्स वसूलने में व्यस्त है, लेकिन सुविधा देने में विफल हो रही है।
वाहन स्वामी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने 20 सितंबर तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, तो 21 सितंबर से पूरे कुमाऊं मंडल में टैक्सी और अन्य कमर्शियल वाहनों का संचालन बंद कर दिया जाएगा। इससे ना केवल आम जनजीवन प्रभावित होगा, बल्कि पर्यटन, व्यापार और स्कूल-कॉलेज की गतिविधियों पर भी असर पड़ेगा।