Kalu Siddha Baba Temple: जानिए हल्द्वानी के रक्षक कालू सिद्ध बाबा की अद्भुत कहानी, देखिये ये खास वीडियो

उत्तराखंड चारों धामों, सिद्ध पीठों और देवालयों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इन्हीं सिद्ध पीठों में से एक है नैनीताल रोड में कालाढूंगी चौराहे पर स्थित श्री कालू सिद्ध बाबा का प्रसिद्ध मंदिर है।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 27 July 2025, 3:04 PM IST
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नैनीताल: उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। यहां देवी देवताओं के आवास स्थल के साथ-साथ ऋषि-मुनियों, महर्षियों की तपोस्थली भी रही है। इन्हीं सिद्ध पीठों में कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी के मुख्य चौराहे पर कालू सिद्ध बाबा का प्रसिद्ध मंदिर भी है। इस मंदिर में श्रद्धालुओं का हमेशा तांता लगा रहता है।

हल्द्वानी में कालू सिद्ध बाबा को शहर का रक्षक माना जाता है। उनका मंदिर, श्री कालू सिद्ध बाबा मंदिर, हल्द्वानी के व्यस्त नैनीताल रोड पर कालाढूंगी चौराहे पर स्थित है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता विप्लव भट्ट ने धरातल पर जाकर कालू सिद्ध बाबा मंदिर के बारे में खास बातें जानी।

चौड़ीकरण के कारण कालू बाबा के मंदिर को दूसरी जगह स्थापित किया गया है। कालू बाबा मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां प्रत्येक शनिवार को भक्तों का तांता लगा रहता है।

कालाढूंगी चौराहे पर स्थित मंदिर के पास बरेली, रामपुर, रामनगर, नैनीताल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा का मुख्य मार्ग है। जिस कारण सड़क पर जाम लगा रहता है।

ऐसी मान्यता है कि कालू सिद्ध बाबा ने हल्द्वानी पहुंचकर भगवान शनि की उपस्थिति जानकर यहां एक मठ की स्थापना की थी, जो बाद में मंदिर के रूप में विकसित हुआ।

श्रद्धालुओं का मानना है कि बाबा के मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है, और वे गुड़ की भेली चढ़ाते हैं।

यह मंदिर अंग्रेजों के शासनकाल से अस्तित्व में है, और मान्यता है कि कालू सिद्ध बाबा ने यहां भगवान शनि की मौजूदगी को देखते हुए एक मठ की स्थापना की थी।

मान्यता है कि कालू सिद्ध बाबा का मंदिर 200 से अधिक साल पुराना है। बताया जाता है कि दशकों पहले जब कालू सिद्ध बाबा हल्द्वानी पहुंचे थे तो उन्होंने यहां पीपल के पेड़ के नीचे भगवान शनि की उपस्थिति जानकर एक मठ की स्थापना की थी, जो आगे चलकर श्री कालू सिद्ध बाबा के मंदिर के रूप में परिवर्तित हो गया।

मंदिर के पुजारी जीवन चंद जोशी ने बताया कि यह बहुत पुराना मंदिर है। यहां पर प्रसाद के रुप में गुड़ चड़ाने की परंपरा है।अभी यहां के महंत कालू गिरी महाराज हैं।

महंत के बाहर पूजा-पाठ का सामान लगाने वाले दुकानदारों ने मंदिर की महत्ता के बारे में बताया।

कालू सिद्ध बाबा के प्रसाद के बारे में बताया जाता है कि उस समय यहां पर गुड़ और गन्ने का कारोबार खूब हुआ करता था। जो भी व्यापारी यहां से गुजरता था, तो बाबा को प्रसाद के लिए गुड़ देते थे। बाबा को गुड़ काफी पसंद था। जिसके बाद से कालू सिद्ध बाबा मंदिर में गुड़ चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई।

आज भी यह परंपरा चली आ रही है। यही कारण है कि कालू सिद्ध के मंदिर में रोजाना श्रद्धालुओं का भीड़ लगी रहती है। खासकर मंगल और शनिवार के दिन भारी संख्या में दूर-दूर से भी श्रद्धालु बाबा का आशीर्वाद लेने आते हैं।

Location : 
  • Haldwani

Published : 
  • 27 July 2025, 3:04 PM IST