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नैनीताल के कैंची धाम में अचानक हुए धमाकों जैसी स्थिति के बाद पुलिस ने तेजी से मोर्चा संभाला। दो संदिग्धों को मार गिराया गया और तीन को जिंदा पकड़ा गया। पूरे इलाके को सील कर सुरक्षाबलों ने विस्तृत तलाशी अभियान चलाया गया। अचानक हुई इस कार्रवाई से लोक हक्के बक्के रह गए।
कैंची धाम में अचानक गूंजे धमाके
Nainital: जनपद के कैंची धाम मंदिर में गुरुवार को अचानक अफरा-तफरी जैसा माहौल बन गया। सशस्त्र पुलिस बल ने मंदिर के चारों ओर सुरक्षा घेरा बना लिया और संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी लेकिन यह सब सुरक्षा तैयारियों को परखने के लिए की गई मॉक ड्रिल का हिस्सा था। पुलिस ने आतंकी हमले जैसी काल्पनिक स्थिति बनाकर यह अभ्यास इसलिए किया, ताकि किसी भी असली खतरे के वक्त प्रतिक्रिया में कोई कमी न रह जाए।
इस मॉक ड्रिल में बम धमाकों, घेराबंदी, जवाबी कार्रवाई, घायलों को निकालने और संदिग्धों को पकड़ने तक हर चरण को वास्तविक अंदाज में दोहराया गया।
मॉक ड्रिल के दौरान अभ्यास करते सशस्त्र पुलिस बल
अभ्यास के अनुसार दोपहर में कंट्रोल रूम को सूचना दी गई कि कैंची धाम परिसर में अचानक तीन धमाके हुए हैं। खबर मिलते ही पुलिस अधीक्षक डॉ. जगदीश चंद्रा ने तुरंत हाई अलर्ट घोषित किया और सभी यूनिट्स को मौके पर बुला लिया। कुछ ही मिनटों में अपर पुलिस अधीक्षक और भवाली क्षेत्राधिकारी दीपशिखा अग्रवाल टीम के साथ मंदिर में पहुंचीं और पूरा इलाका सील कर दिया गया। सशस्त्र पुलिस बल ने मंदिर के चारों ओर सुरक्षा घेरा बना लिया और संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी।
मॉक ड्रिल के दौरान आतंकवाद निरोधक दस्ते ने परिसर में छिपे आतंकियों को खोजने का अभ्यास किया। इस अभ्यास में दो आतंकियों को मार गिराने और तीन को जिंदा पकड़ने की प्रक्रिया को ठीक वैसा ही निभाया गया जैसा असली कार्रवाई में होता है। पकड़े गए संदिग्धों को थाने ले जाने, पूछताछ शुरू करने और घटनास्थल से साक्ष्य इकट्ठा करने का अभ्यास भी किया गया। इसी काल्पनिक परिदृश्य में यह भी दर्शाया गया कि धमाकों में एक नागरिक की मौत हो गई है और तीन लोग घायल हैं, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।
फॉरेंसिक मोबाइल यूनिट, मेडिकल टीम, ड्रोन यूनिट, संचार विंग, पीएसी, एसडीआरएफ, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वाड ने भी इस मॉक ड्रिल में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। मंदिर प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की टीमों ने भी सहयोग दिया, जिससे अभ्यास पूरी तरह समन्वय के साथ पूरा किया जा सका।
यह पूरी मॉक ड्रिल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. मंजुनाथ टी.सी. के निर्देश पर की गई, जबकि मौके की कमान पुलिस अधीक्षक डॉ. जगदीश चंद्रा और क्षेत्राधिकारी दीपशिखा अग्रवाल ने संभाली। अभ्यास का मुख्य उद्देश्य यह जानना था कि किसी भी आतंकी खतरे या अचानक हुए विस्फोट की स्थिति में पुलिस और राहत दल कितनी तेजी और कुशलता से काम कर सकते हैं। पुलिस ने इसे सफल और प्रभावी अभ्यास बताया।