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व्यस्त महीनों में मई, जून और अक्टूबर में मॉल रोड पर भारी वाहनों की एंट्री सुबह आठ से साढ़े दस बजे तक और दोपहर ढाई से रात साढ़े दस बजे तक प्रतिबंधित रहती है। शाम के समय हल्के वाहनों और साइकिल रिक्शा को भी निर्धारित समय के बाद प्रवेश नहीं मिलता।
प्रतीकात्मक छवि
Nainital: सरोवर नगरी में ठंड दस्तक दे चुकी है और क्रिसमस तथा नववर्ष का उत्साह शहर में महसूस होने लगा है। छुट्टियों के इस मौसम में नैनीताल एक बार फिर बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद में है। भीड़ बढ़ने से पहले ही प्रशासन ने ट्रैफिक और पार्किंग व्यवस्था को लेकर अपनी गाइडलाइन जारी कर दी है ताकि आने वाले लोगों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
व्यस्त महीनों में मई, जून और अक्टूबर में मॉल रोड पर भारी वाहनों की एंट्री सुबह आठ से साढ़े दस बजे तक और दोपहर ढाई से रात साढ़े दस बजे तक प्रतिबंधित रहती है। शाम के समय हल्के वाहनों और साइकिल रिक्शा को भी निर्धारित समय के बाद प्रवेश नहीं मिलता। प्रशासन का कहना है कि यह व्यवस्था भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लागू है।
नैनीताल में प्रवेश करते ही हर वाहन को लेक ब्रिज टैक्स देना होता है। हल्द्वानी और भवाली की दिशा से आने वाले वाहन तल्लीताल बैरियर पर टैक्स जमा करते हैं, जबकि कालाढूंगी की ओर से आने वालों के लिए यह व्यवस्था सूखाताल में है। नगर पालिका इसे शहर के रखरखाव और यातायात व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में उपयोग करती है।
भीड़ के मौसम में मॉल रोड पर पार्किंग पूरी तरह से बंद रहती है। पर्यटकों को अपने वाहन मल्लीताल फ्लैट मैदान, तल्लीताल टैक्सी स्टैण्ड पार्किंग और सूखाताल स्थित कुमाऊं मंडल विकास निगम की पार्किंग में खड़ी करनी पड़ती है। कई होटल भी अपने मेहमानों को निजी पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराते हैं, जिससे सीजन में राहत मिलती है।
इस बार शहर में रौनक और बढ़ने वाली है क्योंकि छह साल बाद नैनीताल में विंटर कार्निवल आयोजित होने जा रहा है। तैयारियों के तहत मॉल रोड और आसपास के क्षेत्रों में सजावट की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि आयोजन के दौरान पूरी मॉल रोड और झील किनारा रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगाया जाएगा, जिससे शहर का त्योहारों वाला माहौल और खास महसूस होगा। ट्रैफिक नियमों में किसी तरह की ढील नहीं दी गई है और प्रशासन ने लोगों को अतिरिक्त समय लेकर निकलने की सलाह दी है।
अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से मार्च तक नैनीताल में ठंड चरम पर रहती है। दिसंबर और जनवरी के दौरान कई बार बर्फबारी भी हो जाती है। वहीं अप्रैल से जून और फिर अक्टूबर का महीना घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। बरसात के मौसम में मौसम अचानक बदल जाता है, इसलिए इस दौरान छाता और रेनकोट साथ रखना जरूरी होता है।
नैनीताल का बाजार त्योहारों के इस मौसम में पूरी तरह सज चुका है। मोम से बनी सुंदर मोमबत्तियां, चीड़ की लकड़ी से तैयार सजावटी सामान, ऊनी वस्त्र और स्थानीय हस्तकला की चीज़ें पर्यटकों की पहली पसंद रहती हैं। यहां आने वाले लोग इन वस्तुओं को शहर की याद के रूप में अपने साथ ले जाते हैं।
प्रशासन ने पहाड़ी रास्तों पर वाहन चलाने वालों को फिर से चेताया है कि किसी भी हालत में शराब पीकर गाड़ी न चलाएं। मोड़ों पर हॉर्न देना, ओवरलोडिंग से बचना, वाहन में फर्स्ट एड किट रखना और ओवरटेक न करना अनिवार्य बताया गया है। पुलिस ने अपील की है कि अगर कोई चालक नशे की हालत में वाहन चलाता दिखे तो तुरंत नज़दीकी थाने को खबर दें।