

श्रावण मास में हरिद्वार में चल रही पवित्र कांवड़ यात्रा के दौरान सोमवार देर रात उस समय सनसनी फैल गई जब एक शिवभक्त ने खुद पर ही चाकू से हमला कर आत्महत्या का प्रयास कर डाला। ज्वालापुर बाईपास स्थित हरि लोक तिराहे के पास यह घटना घटी, जहां युवक लहूलुहान हालत में सड़क किनारे पड़ा मिला।
कांवड़ यात्रा के बीच हादसा
Haridwar: श्रावण मास में हरिद्वार में चल रही पवित्र कांवड़ यात्रा के दौरान सोमवार देर रात उस समय सनसनी फैल गई जब एक शिवभक्त ने खुद पर ही चाकू से हमला कर आत्महत्या का प्रयास कर डाला। ज्वालापुर बाईपास स्थित हरि लोक तिराहे के पास यह घटना घटी, जहां युवक लहूलुहान हालत में सड़क किनारे पड़ा मिला। गश्त पर तैनात ज्वालापुर पुलिस ने समय रहते तत्परता दिखाते हुए न केवल युवक की जान बचाई बल्कि मानवता की मिसाल भी पेश की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, घायल युवक की पहचान 26 वर्षीय प्रवीण कुमार पुत्र बलवान सिंह निवासी लाडपुर, जिला झज्जर, हरियाणा के रूप में हुई है। सोमवार रात अपर उप निरीक्षक अनिल सैनी, हेड कांस्टेबल चेतन तथा कांस्टेबल मनोज व रोहित कुमार अपनी ड्यूटी पर क्षेत्र में भ्रमण कर रहे थे। तभी हरि लोक तिराहे के पास उन्होंने एक युवक को सड़क किनारे खून से लथपथ पड़ा देखा। पहले तो युवक ने खुद को दुर्घटना में घायल बताया, लेकिन गहरी चोटें देखकर पुलिस को शक हुआ। पूछताछ में पता चला कि युवक ने अवसाद में आकर स्वयं चाकू से गला रेतने की कोशिश की थी।
पुलिस टीम ने बिना देर किए तत्काल 108 एंबुलेंस को बुलाया और युवक को जिला अस्पताल भिजवाया। उच्च अधिकारियों को भी पूरी जानकारी दी गई। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद युवक की हालत स्थिर बताई गई। इलाज के बाद पुलिस ने उसके परिजनों से संपर्क कर सूचना दी और थाने बुलाया। परिजन तुरंत हरिद्वार पहुंचे और युवक को अपने साथ लेकर गए। उन्होंने ज्वालापुर पुलिस की त्वरित कार्रवाई के लिए आभार जताया।
परिजनों ने कहा कि यदि पुलिस ने समय रहते मदद न की होती तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती थी। इस घटना ने कांवड़ यात्रा में लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस की सजगता और संवेदनशीलता को एक बार फिर साबित कर दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी ज्वालापुर पुलिस टीम की सराहना की है और कहा कि ऐसे ही सजग प्रहरी कांवड़ यात्रा को सुरक्षित बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
वहीं पुलिस का कहना है कि कांवड़ यात्रा के दौरान इस तरह की मानसिक स्थिति वाले यात्रियों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके।