संरक्षित खेती से बढ़ेगी आमदनी, पिथौरागढ़ में प्रसार कार्यकर्ताओं को मिला विशेष प्रशिक्षण

गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय, पिथौरागढ़ में प्रसार कार्यकर्ताओं के लिए संरक्षित सब्जियों की खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण हुआ। पॉलीहाउस, प्राकृतिक खेती, कीट प्रबंधन व प्रसंस्करण पर विशेषज्ञों ने विस्तृत जानकारी दी।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 7 September 2025, 5:15 PM IST
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Pithoragarh: गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पिथौरागढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र में "संरक्षित सब्जियों की खेती" विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अभिषेक बहुगुणा ने की। प्रशिक्षण में उद्यान विभाग और कृषि विभाग के 27 प्रसार कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

संरक्षित खेती की तकनीकी जानकारी

डॉ. अभिषेक बहुगुणा ने पॉलीहाउस, नेटहाउस और ग्लास हाउस में सब्जियों और फूलों की खेती की तकनीकों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्रीनहाउस में उत्पन्न ग्रीनहाउस गैसों से फसलों की सुरक्षा कैसे की जा सकती है। साथ ही पॉलीहाउस के तापमान नियंत्रण की भी तकनीकी जानकारी दी गई।

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प्राकृतिक खेती और कीट प्रबंधन

डॉ. अलंकार सिंह ने सब्जियों की प्राकृतिक खेती के महत्व और तरीकों पर चर्चा की। वहीं, डॉ. महेंद्र सिंह ने कीट और बीमारियों से बचाव के लिए प्राकृतिक, जैविक और रासायनिक विधियों की जानकारी दी। उन्होंने मधुमक्खी पालन के फायदे भी समझाए, जो सब्जी उत्पादकों के लिए लाभदायक हो सकता है।

सब्जियों का प्रसंस्करण और कृषि केंद्र की भूमिका

गृह विज्ञान वैज्ञानिक डॉ. स्वती गर्ब्याल ने सब्जियों के प्रसंस्करण की विधि और कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यों के बारे में जानकारी प्रदान की। इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक विनय, संदीप, जीवन लाल और दीपक भी उपस्थित थे।

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प्रसार कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण में योगदान

प्रशिक्षण में भाग लेने वाले 27 प्रसार कार्यकर्ता और अधिकारी न केवल प्रशिक्षण से लाभान्वित हुए, बल्कि उन्होंने कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी दिखाई। यह प्रशिक्षण उनके लिए नई तकनीकों और कृषि विकास के नए तरीकों को समझने का एक अवसर था।

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