उत्तराखंड में बड़ा हादसा: पिथौरागढ़ में एनएचपीसी टनल का मुहाना मलबे से बंद, कई कर्मचारी अंदर फंसे

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में रविवार को बड़ा हादसा हो गया, जब पहाड़ी दरकने से एनएचपीसी की भूमिगत टनल का मुहाना मलबे से बंद हो गया। टनल के भीतर काम कर रहे 19 कर्मचारियों में से 8 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 31 August 2025, 7:01 PM IST
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Pithoragarh: उत्तराखंड के सीमांत ज़िले पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में रविवार को एक बड़ा हादसा हो गया। ऐलागाड़ क्षेत्र स्थित एनएचपीसी (NHPC) की भूमिगत सुरंग के मुहाने पर अचानक पहाड़ी टूटने से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर आ गिरे, जिससे सुरंग का प्रवेश द्वार पूरी तरह बंद हो गया। उस समय टनल के भीतर काम कर रहे 19 कर्मचारियों में से 8 को सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि 11 कर्मचारी अब भी टनल के अंदर फंसे हुए हैं, हालांकि सभी से संपर्क बना हुआ है।

सुरंग का मुहाना बंद

घटना की शुरुआत शनिवार शाम हुई, जब ऐलागाड़ क्षेत्र में अचानक एक पहाड़ी दरक गई। इससे भारी मात्रा में मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर एनएचपीसी की टनल के मुहाने पर जमा हो गए। उस समय टनल के भीतर 19 कार्मिक कार्यरत थे। अचानक मुहाना बंद हो जाने के कारण सभी सुरंग के भीतर फंस गए। जैसे ही घटना की जानकारी स्थानीय प्रशासन और एनएचपीसी को मिली, तुरंत युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।

उत्तराखंड में बड़ा हादसा

अब तक 8 कर्मचारी सुरक्षित निकाले गए

पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने जानकारी दी कि सुरंग के मुहाने से मलबा हटाने का काम तेजी से किया गया। अब तक 8 कर्मचारियों को सुरंग से सुरक्षित निकाल लिया गया है। अन्य 11 कर्मचारी सुरंग के भीतर सुरक्षित हैं और उनसे लगातार संपर्क बना हुआ है। प्रशासन, बीआरओ (सीमा सड़क संगठन), एनएचपीसी, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), सीआईएसएफ, और अन्य एजेंसियां संयुक्त रूप से राहत कार्य में जुटी हुई हैं।

टनल के अंदर है मूलभूत सुविधाएं

धारचूला के उपजिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने बताया कि सुरंग के भीतर पहले से ही किचन और खाने की व्यवस्था उपलब्ध है। इससे सुरंग में फंसे कर्मचारियों को जरूरी चीज़ें मिल रही हैं। राहत की बात यह है कि सभी 11 कर्मचारी सुरक्षित हैं और प्रशासन लगातार उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। वर्मा ने यह भी बताया कि धौलीगंगा पावर हाउस को इस घटना से कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा है। मुख्य द्वार पर बार-बार आ रहे मलबे को सड़क सुरक्षा संगठन की मदद से हटाया जा रहा है और पर्याप्त मशीनरी व मानव संसाधन मौके पर मौजूद हैं।

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टनल से अब तक सुरक्षित निकाले गए 8 कर्मचारी

1. चंदर सोनल- ऑपरेशन कांट्रेक्ट स्टाफ
2. शंकर सिंह- डीजी ऑपरेटर
3. पूरन बिष्ट- सब-स्टेशन स्टाफ
4. नवीन कुमार- मेंटेनेंस स्टाफ
5. प्रेम दुग्ताल- मेंटेनेंस स्टाफ (कांट्रेक्ट)
6. धन राज बहादुर- मेंटेनेंस स्टाफ (कांट्रेक्ट)
7. गगन सिंह धामी- मेंटेनेंस स्टाफ
8. पीसी वर्मा- सिविल विभाग

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टनल के भीतर सुरक्षित फंसे 11 कर्मचारी

1. ललित मोहन बिष्ट- ऑपरेशन स्टाफ
2. सूरज गुरुरानी- ऑपरेशन स्टाफ
3. विष्णु गुप्ता- ऑपरेशन स्टाफ
4. जितेंद्र सोनल- ऑपरेशन कांट्रेक्ट स्टाफ
5. प्रकाश दुग्ताल- ऑपरेशन कांट्रेक्ट स्टाफ
6. कमलेश धामी- ऑपरेशन कांट्रेक्ट स्टाफ
7. सुनील धामी- ऑपरेशन कांट्रेक्ट स्टाफ
8. जी. ऑगस्टीन बाबू- मेंटेनेंस स्टाफ
9. अपूर्वा राय- मेंटेनेंस स्टाफ
10. इंदर गुनजियाल- मेंटेनेंस स्टाफ (कांट्रेक्ट)
11. बिशन धामी- कैंटीन स्टाफ

प्रशासन और बचाव दल कर रहे हैं हर संभव प्रयास

एनएचपीसी के अधिकारियों के अनुसार, सुरंग की इमरजेंसी शाफ्ट और अन्य वैकल्पिक रास्तों से भी मलबा हटाया जा रहा है। सभी एजेंसियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि फंसे हुए कर्मचारियों को शीघ्र और सुरक्षित बाहर निकाला जाए।
एनडीआरएफ के विशेषज्ञ, सुरंग संरचना और संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए बहुत सावधानीपूर्वक बचाव कार्य कर रहे हैं, ताकि सुरंग को और अधिक नुकसान न हो और कर्मचारियों की जान जोखिम में न आए।

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