

मौसम विभाग द्वारा जारी रेड व ऑरेंज अलर्ट ने राज्य प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के अनुसार आगामी कुछ दिन राज्य के लिए बारिश के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। इसे देखते हुए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
प्रतीकात्मक छवि
Uttarakhand: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश और मौसम विभाग द्वारा जारी रेड व ऑरेंज अलर्ट ने राज्य प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के अनुसार आगामी कुछ दिन राज्य के लिए बारिश के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। इसे देखते हुए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) आनंद स्वरूप ने शुक्रवार को जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों (DDMO) के साथ वर्चुअल बैठक की। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि से संभावित नुकसान को कम से कम करने के लिए सभी तैयारियां पूर्व से ही पूरी कर ली जाएं। प्रत्येक जिले के अधिकारी लगातार मौसम अपडेट पर नजर रखें और किसी भी चेतावनी पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि आईएमडी द्वारा रेड, ऑरेंज और ग्रीन अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन को अलर्ट मोड पर रहना होगा। आनंद स्वरूप ने कहा कि मुख्य सचिव द्वारा 'सचेत एप' के प्रचार-प्रसार को लेकर दिए गए निर्देशों का पालन जिला स्तर पर किया जाए। यह एप आमजन को मौसम और आपदा से संबंधित समय पर जानकारी उपलब्ध कराने में मददगार साबित होगा।
बैठक में उन्होंने गुरुवार रात और शुक्रवार दिनभर हुई भारी बारिश से प्रभावित इलाकों की समीक्षा भी की। जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए कि प्रभावित क्षेत्रों का शीघ्र आकलन कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाए। साथ ही जिन स्थानों को आपदा की दृष्टि से असुरक्षित माना गया है, वहां से लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए।
आनंद स्वरूप ने राहत शिविरों की व्यवस्था पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि आश्रय स्थलों में भोजन, पानी, बिस्तर, शौचालय, बिजली और जनरेटर की समुचित सुविधा होनी चाहिए। साथ ही राहत शिविर केवल सुरक्षित क्षेत्रों में ही बनाए जाएं और वहां तहसील स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य अधिकारी (क्रियान्वयन) डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंसारी, डॉक्टर पूजा राणा, हेमंत बिष्ट और श्रीमती सरकार भी मौजूद रहे।
आनंद स्वरूप ने चेतावनी दी कि पहाड़ी क्षेत्रों में अतिवृष्टि का असर मैदानी क्षेत्रों में भी दिख सकता है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ और जलभराव की स्थिति बन सकती है। ऐसे में सभी जिलों को सतर्क रहकर त्वरित कार्रवाई करने और लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।