

उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते राज्य सरकार ने 30 अगस्त को बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में सभी सरकारी, गैर-सरकारी, प्राइवेट स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने का आदेश दिया है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद एहतियातन यह फैसला लिया गया है। प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। इन जिलों में भारी बारिश, बिजली गिरने और भूस्खलन की आशंका जताई गई है।
भारी बारिश से स्कूलों पर लगा ब्रेक
Haridwar: उत्तराखंड में भारी बारिश का असर अब जनजीवन के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ने लगा है। राज्य सरकार ने मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में 30 अगस्त को स्कूलों की छुट्टी का आदेश जारी किया है। यह आदेश सभी सरकारी, गैर-सरकारी, प्राइवेट स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए लागू होगा।
आदेश के अनुसार, कक्षा 1 से 12 तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों और आंगनबाड़ी केंद्रों को एहतियातन बंद रखने का निर्देश दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और भारी बारिश के कारण स्कूल तक पहुंचने में बच्चों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही, भूस्खलन और सड़कों के अवरुद्ध होने की भी आशंका को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून ने तीनों जिलों के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग ने कहा है कि कहीं-कहीं बिजली गिरने और तेज हवाओं के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। इसके अलावा, पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और नदी-नालों में अचानक जलस्तर बढ़ने जैसी स्थितियां भी बन सकती हैं। इसी के चलते जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए स्कूलों को एक दिन के लिए बंद करने का निर्णय लिया है।
बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के जिला अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन को निर्देशित किया है कि वे बच्चों और स्टाफ को किसी भी स्थिति में स्कूल न बुलाएं। साथ ही, किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय रहेंगे। प्रशासन ने आम जनता से भी अपील की है कि वे मौसम की गंभीरता को देखते हुए अनावश्यक यात्रा से बचें और स्थानीय अलर्ट पर ध्यान दें।
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अभिभावकों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि बच्चों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। अचानक मौसम बदलने की स्थिति में बच्चों को स्कूल भेजना जोखिम भरा हो सकता था। फिलहाल, सरकार और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और मौसम की ताजा जानकारी के आधार पर आगे के फैसले लिए जाएंगे।