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                        डोईवाला में बाल विकास विभाग के रजत जयंती कार्यक्रम में महिलाओं को फफूंदी लगे एक्सपायरी बिस्किट वितरण से आक्रोश फैल गया। विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
                                            रजत जयंती कार्यक्रम में फफूंदी लगे बिस्किट का विवाद
Dehradun: डोईवाला में उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती समारोह के उपलक्ष में बाल विकास विभाग और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) की ओर से आयोजित कार्यक्रम के बाद महिलाओं के बीच एक विवाद खड़ा हो गया। मंगलवार को ब्लॉक सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रतिभागी महिलाओं को नाश्ते में फफूंदी लगे और एक्सपायरी बिस्किट दिया गया। यह घटना सामने आते ही महिलाओं में आक्रोश फैल गया और विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे।
महिला सहायता समूह की सदस्य गुड्डी देवी ने बताया कि जैसे ही महिलाओं ने बिस्किट खाना शुरू किया, तो फफूंदी देखकर वे खफा हो गईं। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया जाता, तो ऐसे बिस्किट खाने से स्वास्थ्य पर गंभीर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
महिलाओं का कहना है कि यह लापरवाही केवल उन्हें ही नहीं, बल्कि पूरे कार्यक्रम और विभाग की विश्वसनीयता को प्रभावित करती है। इस मामले में उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
डोईवाला बाल विकास परियोजना अधिकारी नेहा सिंह ने कहा कि नाश्ते की जिम्मेदारी कार्यक्रम के दौरान एक बाहरी समूह को सौंपी गई थी। उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने के बाद विभाग ने तुरंत जांच शुरू कर दी है।
नेहा सिंह ने स्पष्ट किया, “शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो।”
देहरादून: डोईवाला में बाल विकास विभाग के रजत जयंती कार्यक्रम में महिलाओं को फफूंदी लगे एक्सपायरी बिस्किट मिलने से भड़का आक्रोश। विभाग ने जांच शुरू कर दी है और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।#Dehradun #ExpiredBiscuits #WomenProtest pic.twitter.com/mrMYMVjztb
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) November 4, 2025
समारोह में बच्चों और महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। नाश्ते की व्यवस्था बाहरी ठेकेदार या महिला समूह द्वारा की गई थी। अधिकारियों का कहना है कि वितरण से पहले सामग्री की गुणवत्ता की जिम्मेदारी ठेकेदार की थी।
हालांकि महिलाओं की शिकायत पर विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया कि भविष्य में कोई भी प्रतिभागी असुरक्षित भोजन का सामना न करे।
स्थानीय महिला समूहों ने कहा कि यह घटना महिलाओं में विश्वास की कमी पैदा करती है। गुड्डी देवी ने कहा कि अगर ऐसी लापरवाही दोबारा हुई, तो लोग सरकारी कार्यक्रमों में भाग लेने से डर सकते हैं।
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स्थानीय नागरिकों ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि सरकारी विभागों को कार्यक्रम के दौरान सभी सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों का पालन करना अनिवार्य है।