

हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में सीबीआई जांच और अन्य मांगों को लेकर चल रहा पांच दिवसीय धरना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन के बाद समाप्त हुआ। हरीश रावत और पीयूष जोशी ने जूस पीकर अनशन तोड़ा।
मुख्यमंत्री के आश्वासन पर समाप्त हुआ बुद्ध पार्क धरना
Nainital: हल्द्वानी स्थित बुद्ध पार्क में बीते पांच दिनों से सीबीआई जांच और विभिन्न मुद्दों को लेकर छात्र-छात्राओं तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन आखिरकार आज समाप्त हो गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा देहरादून में प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर सभी प्रमुख मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद आंदोलनकारियों ने धरना समाप्त करने का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री धामी ने बीते दिन देहरादून में आंदोलन से जुड़े प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए 10 दिनों के भीतर सीबीआई जांच की प्रक्रिया शुरू कराने का वादा किया। इसके अलावा उन्होंने अन्य मांगों पर भी यथोचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इस आश्वासन को आंदोलनकारियों ने सकारात्मक संकेत मानते हुए आंदोलन को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया।
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धरना स्थल पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और छात्र नेता पीयूष जोशी बीते दिन से भूख हड़ताल पर बैठे थे। जैसे ही आंदोलन समाप्त करने की घोषणा हुई, दोनों को जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया गया। इस अवसर पर स्थानीय प्रशासन की ओर से सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे और ज्ञापन लिया।
अनशन तोड़ा
हरीश रावत ने कहा, हमने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगें उठाई थीं। अब मुख्यमंत्री जी ने हमें आश्वस्त किया है, इसलिए हम धरना समाप्त कर रहे हैं। परंतु यदि वादे पूरे नहीं हुए तो हम दोबारा सड़क पर उतरेंगे।
धरने में शामिल छात्र-छात्राओं और युवाओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह आंदोलन स्थगित हुआ है, समाप्त नहीं। अगर तय समय-सीमा में वादों पर अमल नहीं हुआ तो वे पहले से भी ज्यादा ताकत के साथ सड़कों पर उतरेंगे। छात्र नेता दीपक चौहान ने कहा, हम सरकार की नीयत पर नजर रखे हुए हैं। समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो हम फिर से धरना देंगे।
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इस पांच दिवसीय धरने के दौरान आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। बुद्ध पार्क में हर दिन सैकड़ों की संख्या में छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता, महिलाएं और आम नागरिक जुटते रहे। प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में पूरे आंदोलन को संयमित और शांतिपूर्ण ढंग से चलाया गया, जिससे कोई कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं उत्पन्न हुई।