

उत्तराखंड के चमोली ज़िले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते तमक नाले में उफान आया और बीआरओ द्वारा बनाया गया पक्का पुल बह गया। इससे भारत-चीन सीमा से सटे दर्जनों गांवों और सेना की चौकियों का संपर्क टूट गया।
नीती मलारी बॉर्डर हाईवे पर भारी बारिश का कहर
Chamoli: उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा की ओर जाने वाले नीती-मलारी बॉर्डर हाईवे पर भारी बारिश के चलते एक बड़ा हादसा हो गया है। तमक नामक स्थान पर बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) द्वारा निर्मित पक्का सीमेंट का पुल कल देर रात लगभग 2 बजे आई बाढ़ में पूरी तरह बह गया। इससे न केवल सीमा की सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है, बल्कि दर्जनों ग्रामीणों की ज़िंदगी भी अस्त-व्यस्त हो गई है।
क्षेत्र में बीते कई दिनों से लगातार तेज़ और मूसलाधार बारिश हो रही है। कल रात तमक नाले में अचानक आए भारी उफान ने पुल की नींव को नुकसान पहुँचाया। नाले में बहे भारी-बड़े बोल्डर और मलबा पुल के ऊपर चढ़ गया, जिससे बीआरओ द्वारा बनाया गया पक्का सीमेंट का पुल बह गया। यह पुल नीती-मलारी बॉर्डर हाईवे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जो सीमा की ओर जाने वाली सड़क को जोड़ता था।
रुद्रप्रयाग से चमोली तक मानसून का कहर, ग्रामीण इलाकों में संकट, अस्पताल तक पहुंचना भी मुश्किल
पुल के साथ-साथ नाले में बहकर आई भारी मात्रा में मिट्टी और बोल्डरों ने आसपास की कृषि भूमि को भी भारी नुकसान पहुँचाया है। तमक और आस-पास के गांवों के कई किसानों की खेती की ज़मीन बर्बाद हो गई है। इसके अलावा बागवानी को भी नुकसान पहुँचा है, जिससे ग्रामीणों की आय और रोज़गार दोनों पर संकट मंडरा रहा है।
चमोली, उत्तराखंड: लगातार बारिश के चलते तमक नाले में आए उफान से BRO द्वारा बनाया गया सीमेंट पुल बह गया। नीती-मलारी घाटी के गांवों और सीमा चौकियों का संपर्क टूट गया है। ग्रामीणों की खेती और बागवानी को भी भारी नुकसान पहुंचा है।#uttarakhand #chamoli #monsoon2025 pic.twitter.com/AbFXeqgSLr
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 31, 2025
इस पुल के बहने का सबसे बड़ा असर भारत-चीन सीमा से लगी नीती-मलारी घाटी के दर्जनों गांवों और वहां तैनात सुरक्षा चौकियों पर पड़ा है। सीमा की ओर जाने वाली एकमात्र मुख्य सड़क मार्ग बाधित हो गया है, जिससे न केवल आम नागरिकों की आवाजाही रुकी है, बल्कि सेना की नियमित आवाजाही, रसद आपूर्ति और संचार व्यवस्था भी प्रभावित हुई है।
इस क्षेत्र के तमक, फागती, गमशाली, नीती, मलारी जैसे दर्जनों गांव पूरी तरह मुख्यधारा से कट गए हैं। सड़क मार्ग बंद होने से ग्रामीणों के लिए ज़रूरी सामान जैसे राशन, दवाइयाँ और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो गई है। कई ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से सड़क मार्ग को जल्द से जल्द बहाल करने की मांग की है।
यमुना का जलस्तर बढ़ने से लोनी के खेत जलमग्न, किसानों की फसल को खतरा, प्रशासन अलर्ट
चमोली जिला प्रशासन के अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और बीआरओ की टीम को जल्द से जल्द वैकल्पिक मार्ग तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। जिलाधिकारी ने कहा है कि सेना और ग्रामीणों की आवश्यकताओं को देखते हुए अस्थायी पुल या बेली ब्रिज का निर्माण प्राथमिकता पर किया जाएगा।