

रायबरेली में किसानों को खाद, यूरिया और बुनियादी समस्याओं के खिलाफ सपा और राष्ट्रवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकारी अधिकारियों पर रिश्वतखोरी और खाद की कालाबाजारी का आरोप लगाया।
रायबरेली में किसानों की समस्याओं को लेकर जोरदार प्रदर्शन
Raebareli: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां किसानों को हो रही खाद समस्या को लेकर आज राजनीतिक पार्टियों ने धरना प्रदर्शन किया। बता दें कि इसी कड़ी में महाराजगंज तहसील में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और विधायक ने किसानों की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने उप जिला अधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
मिली जानकारी के अनुसार, बछरावां से सपा विधायक श्याम सुंदर भारती ने बताया कि महाराजगंज तहसील के पास कैर में एक बाईपास पुल का निर्माण पिछले एक साल से अधूरा पड़ा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि चुनिंदा ठेकेदारों को टेंडर देकर कमीशन लिया जा रहा है। इसके कारण निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हो पा रहा है।
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किसान डीएपी खाद, यूरिया, बिजली और पानी जैसी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं। शिकायत करने के बाद भी अधिकारी इन समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे हैं। विधायक ने सरकारी तंत्र पर रिश्वतखोरी का आरोप भी लगाया।
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सपा के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र यादव ने कहा कि वे लगातार किसानों की समस्याओं को लेकर जिला अधिकारी से लेकर उच्च स्तरीय अधिकारियों को ज्ञापन दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और अधिकारी किसानों की समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं।
वहीं रायबरेली में किसानों को खाद न मिलने के मुद्दे पर राष्ट्रवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने जिला अधिकारी के समक्ष अपनी मांगें रखीं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि खरीफ की फसल के लिए किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। शासन और जिला प्रशासन का दावा है कि साधन समितियों में खाद की कोई कमी नहीं है। लेकिन कार्यकर्ताओं का आरोप है कि समितियों के कर्मचारी यूरिया खाद को प्राइवेट दुकानों में भेज रहे हैं।
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प्रदर्शनकारियों ने बताया कि निजी दुकानों में किसानों को खाद अधिक कीमत पर बेची जा रही है। इससे साधन समितियों के कर्मचारी अवैध लाभ कमा रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों पर किसान हित की वस्तुओं का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि किसान आने वाले चुनावों में इसका जवाब देंगे।