UP Police New DGP: कौन बनेगा यूपी का अगला DGP? इन चार नामों पर टिकी निगाहें

उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार 31 मई 2025 को रिटायर हो रहे हैं, जिसके बाद राज्य के डीजीपी पद के लिए किसी नए नाम का चयन होना है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 24 May 2025, 2:23 PM IST
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार 31 मई 2025 को रिटायर हो रहे हैं, जिसके बाद राज्य के डीजीपी पद के लिए किसी नए नाम का चयन होना है। ऐसे में यूपी के अगले डीजीपी को लेकर फिर हलचल शुरू हो गई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, अब यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार को भी मंजूरी मिल सकती है। हालांकि डीजीपी की रेस में कुछ और नाम भी हैं। प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार की अटकलों के बीच राज्य के गृह विभाग में अभी तक कोई हलचल देखने को नहीं मिली है। ऐसे में ये महज कयास ही हैं। वहीं राजीव कृष्ण, बीके मौर्य, तिलोत्तमा वर्मा, एमके बशाल जैसे नाम भी डीजीपी की रेस में हैं।

क्या प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलेगा?

गौरतलब है कि डीजीपी प्रशांत कुमार सीएम योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अफसरों में से एक माने जाते हैं। ऐसे में उन्हें कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया। 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार लंबे समय से यूपी में कार्यवाहक डीजीपी के पद पर तैनात थे। अब उनका रिटायरमेंट 31 मई को है।

चर्चा यह भी है कि प्रशांत कुमार को 6 महीने का एक्सटेंशन मिल सकता है। यह भी माना जा रहा है कि अगर प्रशांत कुमार को एक्सटेंशन नहीं मिलता है तो उन्हें रिटायरमेंट के बाद कोई पावरफुल पद दिया जा सकता है। अगर प्रशांत कुमार को एक्सटेंशन नहीं मिलता है तो 1990 बैच के आईपीएस डीजी होमगार्ड बीके मौर्य और एमके बशाल को कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा सकता है। इसके अलावा राजीव कृष्ण का नाम भी इस रेस में शामिल है।

कौन हैं आईपीएस प्रशांत कुमार?

यूपी पुलिस के बॉस प्रशांत कुमार 1990 बैच के अधिकारी हैं। वह बिहार के सीवान जिले के रहने वाले हैं। 16 मई 1965 को जन्मे प्रशांत कुमार का चयन तमिलनाडु कैडर में हुआ था। यूपी पुलिस के मुखिया प्रशांत कुमार 1990 बैच के अधिकारी हैं। वे बिहार के सीवान जिले के रहने वाले हैं। 16 मई 1965 को जन्मे प्रशांत कुमार का चयन तमिलनाडु कैडर में हुआ था, लेकिन कुछ कारणों से उन्होंने 1994 में खुद को यूपी कैडर में ट्रांसफर करवा लिया। प्रशांत कुमार अपनी तेज तर्रार छवि के लिए जाने जाते हैं। उन्हें राष्ट्रपति से भी सम्मान मिल चुका है। इतना ही नहीं प्रशांत कुमार को तीन बार वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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