

बढ़ते अपराधों के बीच यूपी एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर होम लोन दिलाते थे। साइबर क्राइम की रोकथाम व साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ की विभिन्न टीमों को निर्देशित किया गया था।
पुलिस गिरफ्त में आरोपी
Lucknow: उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराधों के बीच यूपी एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर होम लोन दिलाते थे। साइबर क्राइम की रोकथाम व साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ की विभिन्न टीमों को निर्देशित किया गया था। इसी दौरान शिकायत मिली चॉद बाबू पुत्र मोहम्मद साबिर निवासी मकान नम्बर 102 ए ब्लाक कैम्पबेल रोड, थाना ठाकुरगंज, लखनऊ मकान लेने हेतु लोन की आवश्यकता थी, जिसके लिए उसने अपने किसी जानने वाले के माध्यम से विनीत से बात किया था।
विनीत ने बताया था कि वो और उसके मित्र दीपक, अभिषेक सोनी, अमित रस्तोगी हाउसिंग लोन कराने का कार्य करते हैं और आधार हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से लोन करा देंगे। उसके कुछ दिनों बाद फाइल तैयार कराने के नाम पर रू0 11000/- कैश व रू0 10000/- आनलाइन अपने खाते में लिया और कुछ दिनों बाद फाइल तैयार कर 50 लाख 90 हजार रू० का लोन अप्रूवल का डाक्यूमेंट दिखाया और मैनेजर को 4 प्रतिशत कमीशन के नाम पर 4 लाख रूपये लिया। फिर रजिस्ट्री के नाम पर 01 लाख 50 हजार रूपये स्टाम्प व कोर्ट फीस के नाम पर लिया। फिर मेरे व्हाट्स अप पर यस बैक की 10 लाख रू0 की डीडी की फोटो प्रवीन के नाम पर व 40 लाख 90 हजार की डीडी की फोटो भेजे। मेरे द्वारा यस बैंक में जाकर पता करने पर पता चला की दोनो डीडी फर्जी है और ये मेरे साथ फ्राड हो गया।
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उपरोक्त प्रकरण पर विनीत कुमार एवं दीपक कुमार को पूछताछ हेतु एसटीएफ मुख्यालय पूछताछ हेतु बुलाया गया एवं दौरान पूछताछ प्रथम दृष्टया अपराध प्रमाणित होने पर दिनांक 04-10-2025 को एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ में दोनो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया, जिसके आधार पर पूछताछ पर उपरोक्त से बरामदगी की गयी। गिरफ्तार अभियुक्त विनीत और दीपक ने पूछताछ में बताया कि हम लोग एवं अभिषेक सोनी व अमित रस्तोगी चारो लोग मिलकर जिन लोगो को होम लोन की जरूरत होती है। उनको बैंक से होम लोन कराने देने का विश्वास में लेकर डाक्यूमेण्ट लेते हैं और फिर अपने घर पर कम्प्यूटर में होम लोन से सम्बन्धित कूटरचित डाक्यूमेण्ट तैयार कर उन लोगो के हस्ताक्षर उस फाइल पर कराते हैं एवं होम लोन कराने का कमीशन एवं रजिस्ट्री, स्टाम्प शुल्क आदि के नाम पर उनसे धन उगाही करते हैं और समय-समय पर अपना मोबाइल नम्बर व रहने के स्थान में परिवर्तन कर देते हैं।
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इस प्रकार हम लोग फर्जी लोन कराने के नाम पर फ्राड का कार्य करते हैं। अब तक की जाच/अभिसूचना संकलन से प्रकाश में आये तथ्यों के आधार पर पता चला है कि इस गिरोह द्वारा फर्जी तरीके से कराये गये लोनों से करोड़ों रूपये अर्जित किये गये हैं। जिसके सम्बन्ध मे जांच की जा रही है। अभियुक्तों द्वारा बताये गये बैंक खाते, वालेट की जानकारी / परीक्षण व गिरोह के अन्य सदस्यो की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना साइबर क्राईम, लखनऊ में मुकदमा अ०सं० 160/2025 धारा धारा 112, 319 (2), 318(4), 336(1),(3)(4), 338, 339, 340 बीएनएस 2023 एवं 66सी, 66डी आईटी एक्ट में पंजीकृत कराकर आवश्यक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
1-विनीत कुमार पुत्र स्व० विजय कुमार श्रीवास्तव निवासी म०न० 355, बीबी खेडा आवास विकास कालोनी, थाना पारा, कमिश्नरेट लखनऊ।
2-दीपक रावत पुत्र रामनारायण निवासी ई-1087, राजजीपुरम, थाना तालकटोरा, कमिश्नरेट लखनऊ। -
1- 5 मोबाइल फोन।
2- 7 एटीएम कार्ड।
3-4 पैन कार्ड।
4-1 अदद डेक्सटाप (जिससे कूटरचित दस्तावेज तैयार किये जाते थे)
5-3 अदद कूटरचित आधार कार्ड।
6-1 अदद ड्राइविंग लाइसेंस।
7-103 वर्क लोन प्रक्रिया से सम्बन्धित दस्तावेजों की छायाप्रति (कूटरचित व अन्य)
8-01 अदद मोटरसाईकिल बिना नम्बर की।
9-28 अदद चेक विभिन्न लोगो के हस्ताक्षरित।