श्रावण में बदलेगा श्रद्धा का रंग! UP के इस मंदिर को लेकर लागू हुए कड़े नियम; जानिए सब कुछ

श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज के प्राचीन और प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर ने एक नया नियम लागू कर दिया है, जो भक्तों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 2 July 2025, 1:57 PM IST
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Prayagraj News: श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज के प्राचीन और प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर ने एक नया नियम लागू कर दिया है, जो भक्तों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। अब इस पावन स्थल पर पूजा, विशेष रूप से रुद्राभिषेक, करने के लिए मंदिर समिति द्वारा निर्धारित पारंपरिक ड्रेस कोड का पालन अनिवार्य होगा।

सूत्रों के अनुसार, मंदिर प्रशासन का यह फैसला श्रद्धा, शुचिता और धार्मिक मर्यादा को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। मंदिर समिति का कहना है कि श्रद्धालु कई बार आधुनिक और अनावश्यक रूप से भड़काऊ परिधानों में मंदिर पहुंच जाते हैं, जिससे पूजा स्थल की गरिमा प्रभावित होती है।

पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता, महिलाओं के लिए साड़ी अनिवार्य

नए नियमों के अनुसार, पुरुष श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश के लिए धोती और कुर्ता पहनना जरूरी होगा, जबकि महिलाओं के लिए साड़ी या सलवार-सूट को अनुमेय परिधान के रूप में तय किया गया है। विशेष रूप से रुद्राभिषेक के दौरान, पुरुषों को केवल धोती-कुर्ता और महिलाओं को साड़ी में ही पूजा करने की अनुमति दी जाएगी।

नहीं है अपने पास पारंपरिक कपड़े? 

मंदिर प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर किसी श्रद्धालु के पास निर्धारित परिधान नहीं है, तो उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। मंदिर की ओर से उचित कपड़े जैसे धोती, कुर्ता या साड़ी उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि हर भक्त परंपरा के अनुरूप पूजा में शामिल हो सके।

भक्ति भाव को मिलेगा नया आयाम

मुख्य पुजारी श्री धरानंद स्वामी ने बताया कि यह निर्णय मंदिर में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की आस्था और मर्यादा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उनका मानना है कि ऐसे नियमों से न केवल पूजा का वातावरण अधिक पवित्र होगा, बल्कि भक्ति भाव और अनुशासन में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।

पान-तंबाकू पर भी विचार

हालांकि मंदिर प्रशासन ने पान और तंबाकू के सेवन को लेकर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। पुजारी धरानंद स्वामी का कहना है कि इस विषय पर विचार-विमर्श चल रहा है और जल्द ही इस पर भी कोई नीति तय की जा सकती है।

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