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मैनपुरी में वन विभाग के दैनिक कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर 48 घंटे से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि विभाग उनकी समस्याओं को लगातार अनदेखा कर रहा है और कोई अधिकारी समाधान के लिए सामने नहीं आया।
मांग पर अड़े वन कर्मी (फोटो सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
Mainpuri: वन विभाग के दैनिक कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। सामाजिक वानिकी प्रभाग के दर्जनों कर्मचारी शहर कोतवाली क्षेत्र स्थित वन विभाग कार्यालय के बाहर पिछले दो दिनों से धरने पर बैठे हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि विभाग उनकी वर्षों पुरानी समस्याओं को लगातार अनदेखा कर रहा है, जिसके चलते उन्हें मजबूर होकर भूख हड़ताल शुरू करनी पड़ी है।
कर्मचारियों ने कहा कि वे पिछले 48 घंटे से भूख हड़ताल पर हैं, लेकिन अभी तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने उनसे मिलकर समस्या का समाधान निकालने की कोशिश नहीं की। कर्मचारियों का यह भी कहना है कि उनकी आवाज लंबे समय से उठाई जा रही है, लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा उन्हें सिर्फ आश्वासन मिलता रहा, समाधान नहीं।
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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वन विभाग की उदासीनता के कारण वे आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं। कई कर्मचारियों का वेतन महीनों से लंबित है, वहीं कुछ को नियमितीकरण और सेवा लाभों का मामला सालों से अटका हुआ है। ऐसी स्थिति में उनके परिवारों का भरण-पोषण करना भी मुश्किल होता जा रहा है।
प्रदर्शनकारी ओमवीर सिंह ने कहा- "हमने कई बार अधिकारियों को ज्ञापन दिया, लेकिन हर बार हमारी मांगों को नजर अंदाज कर दिया गया। अब हमारी मजबूरी हो गई है कि हम भूख हड़ताल पर बैठें। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी, हम यहां से नहीं उठेंगे।"
मैनपुरी में भूख हड़ताल (फोटो सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
कर्मचारियों ने बताया कि वे मौसम की परवाह किए बिना धरने पर बैठे हैं और विभाग द्वारा समस्या की अनदेखी उन्हें और ज्यादा व्यथित कर रही है। उनका कहना है कि वन विभाग सिर्फ कागजों में कर्मचारियों की समस्याएं सुनता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
धरना स्थल पर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि पिछले दो दिनों से कोई भी उच्च अधिकारी उनसे मिलने तक नहीं आया। कर्मचारियों का कहना है कि यह दर्शाता है कि विभाग उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर कितना गंभीर है।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो वे भूख हड़ताल को आगे और उग्र स्वरूप देंगे। उन्होंने कहा कि आवश्यक हुआ तो वे लखनऊ जाकर भी प्रदर्शन करेंगे और शासन के सामने अपनी बात रखेंगे।
कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगें कोई अनुचित नहीं हैं, बल्कि वे केवल वही चाहते हैं जो उन्हें वर्षों से मिलना चाहिए था।
धरना स्थल पर कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने भी कर्मचारियों का साथ दिया है। उनका कहना है कि वन विभाग के दैनिक कर्मचारी जंगलों की सुरक्षा, पौधरोपण और वन संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। उनके साथ अन्याय होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
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धरना स्थल पर माहौल शांत लेकिन तनावपूर्ण बना हुआ है। कर्मचारी हाथों में तख्तियां लिए बैठे हैं, जिन पर लिखा है- "न्याय दो या जवाब दो", "दैनिक कर्मियों का शोषण बंद करो", "हमारा हक हमें दो।"
इस पूरे मामले पर वन विभाग के अधिकारियों की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कर्मचारियों का आरोप है कि विभाग समाधान की बजाय मुद्दे को दबाने की कोशिश करता रहा है। फिलहाल, भूख हड़ताल जारी है और कर्मचारी तब तक हिलने को तैयार नहीं जब तक उनकी मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाते। मैनपुरी में वन विभाग कार्यालय के बाहर यह विरोध अब बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है, जिस पर प्रशासन का अगला कदम क्या होगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।