गोरखपुर: बिन ब्याही मां या लड़की होने का अभिशाप? जंगल में मिली नवजात, जानिये क्या हुआ आगे

गोरखपुर के कुसम्ही जंगल से मानवता को शर्मसार करने वाली निर्मम तस्वीर सामने आई है, जिसको जानकर आप भी दंग रह जाएंगे।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 2 July 2025, 1:45 PM IST
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गोरखपुर: लोकलाज और सामाजिक भय के भंवर में फंसकर कोई एक मासूम नवजात को कुसम्ही जंगल में मरने के लिए छोड़ गया। यदि समय रहते उसकी किलकारी न सुनी गई होती, तो यह नन्ही जान जंगल के खतरों का शिकार बन सकती थी। यह दिल दहला देने वाली घटना गोरखपुर जनपद के एम्स थाना क्षेत्र के कुसम्ही जंगल परिक्षेत्र की है, जहां एक झोपड़ी के पास पेड़ की शाख पर कपड़े में लिपटी तीन घंटे की नवजात बच्ची को बेसहारा छोड़ दिया गया था।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार बुधवार को सुबह में जंगल से गुजर रहे एक राहगीर के कानों में बच्ची की करुण रोने की आवाज पड़ी। उसने तुरंत आसपास देखा तो पेड़ की शाख पर कपड़े में लिपटी एक नवजात दिखी।
मानवता का परिचय देते हुए राहगीर ने स्थानीय लोगों को बुलाया और एम्स थाना पुलिस को सूचना दी।

पुलिस बनी देवदूत

सूचना मिलते ही एसएचओ संजय मिश्रा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। बच्ची की हालत देख पुलिसकर्मियों की आंखें नम हो गईं। कांपती हुई बच्ची को गोद में लेकर पुलिस ने उसे तुरंत सुरक्षित किया और प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के बाद बच्ची को पूरी तरह स्वस्थ बताया।

नवजात को चाइल्ड केयर सेंटर भेजा

पुलिस ने बच्ची को चाइल्ड केयर सेंटर भेज दिया है, जहां उसकी देखभाल की जा रही है। एसएचओ संजय मिश्रा ने बताया कि समय रहते बच्ची को बचा लिया गया, वरना जंगल में वह जानवरों का शिकार बन सकती थी। प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि सामाजिक लज्जा और भय के कारण किसी ने इस मासूम को जंगल में छोड़ दिया। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों के आधार पर यह पता लगाने में जुटी है कि बच्ची को यहां किसने छोड़ा।

लोगों में चर्चा

इस घटना ने स्थानीय लोगों में गहरी चर्चा छेड़ दी है। लोग हैरान हैं कि कोई इंसान इतना क्रूर कैसे हो सकता है कि एक नवजात को जन्म के कुछ घंटों बाद ही मरने के लिए जंगल में छोड़ दे। यह घटना समाज में व्याप्त कुरीतियों और मानवता के पतन को दर्शाती है। हालांकि, पुलिस और राहगीर की तत्परता ने इस नन्ही जान को नया जीवन दिया।

बच्ची अब सुरक्षित है, और प्रशासन ने उसकी देखभाल की जिम्मेदारी ली है। यह घटना जहां इंसानियत पर सवाल उठाती है, वहीं पुलिस की संवेदनशीलता और मानवता की मिसाल भी पेश करती है।

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