

अब उत्तर प्रदेश के सरकारी टीचर सरकार की नीतियों के खिलाफ हंगामा करेंगे। सोमवार की सुबह खूब बवाल हुआ। शिक्षकों का कहना है कि सरकार उनके साथ गलत कर रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
विलय की योजना से शिक्षक नाराज़
Kanpur Dehat News: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम छात्र-छात्राओं वाले सरकारी विद्यालयों के विलय की योजना को लेकर प्रदेश भर के शिक्षक संघों में रोष है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, कानपुर देहात के झींझक विकासखंड में शिक्षकों ने सोमवार सुबह बीआरसी परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और इस प्रस्ताव को "काला कानून" करार दिया।
शिक्षकों की बड़ी बैठक
बीआरसी परिसर में आयोजित बैठक में बड़ी संख्या में शिक्षक और ग्रामीण जुटे, जिन्होंने सरकार के इस फैसले का एकस्वर में विरोध किया। शिक्षकों ने स्पष्ट कहा कि यदि यह कानून वापस नहीं लिया गया तो वे धरना, आमरण अनशन और आर-पार की लड़ाई के लिए भी तैयार हैं।
बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं होने देंगे
विरोध प्रदर्शन में शामिल प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार का यह कदम न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करेगा, बल्कि गरीब और ग्रामीण बच्चों को शिक्षा से वंचित कर देगा। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ आंकड़ों के सहारे फैसला ले रही है, लेकिन जमीनी हकीकत को नजरअंदाज कर रही है।
जिला मंत्री आदित्य गौतम का बड़ा बयान
बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षक संघ के जिला मंत्री आदित्य गौतम ने कहा यदि विद्यालयों का जबरन विलय किया गया तो हम शिक्षक कार्य बहिष्कार से भी पीछे नहीं हटेंगे। यह सरकार शिक्षकों की संख्या कम करने और भर्ती प्रक्रिया को समाप्त करने की साजिश कर रही है।
सरकार पर लगाया नाकामी छिपाने का आरोप
शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार अपनी शिक्षा व्यवस्था की विफलता को छिपाने के लिए विद्यालयों का विलय कर रही है। न नई भर्तियां हो रही हैं, न संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं और अब विद्यालय बंद करके समस्या का हल निकाला जा रहा है।