

ऊंचाहार में संदिग्ध हालात में एक बुजुर्ग का शव पेड़ पर लटकता हुआ मिला। घटना से गाँव में हड़कंप मच गया। मृतक की पोती ने गाँव के युवक पर हत्या करके शव लटकाने का आरोप लगाया। इस दौरान परिजनों ने शव उतारने का विरोध किया लेकिन पुलिस के समझाने के बाद वो मान गये। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा है और मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
रोते हुए मृतक के परिजन
Raebareli: ऊंचाहार में संदिग्ध हालात में एक बुजुर्ग का शव पेड़ पर लटकता हुआ मिला। घटना से गाँव में हड़कंप मच गया। मृतक की पोती ने गाँव के युवक पर हत्या करके शव लटकाने का आरोप लगाया। इस दौरान परिजनों ने शव उतारने का विरोध किया लेकिन पुलिस के समझाने के बाद वो मान गये। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा है और मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार क्षेत्र के गांव जार्जीगढ़ मजरे खरौली निवासी रामसजीवन 65 वर्ष का शव घर से कुछ दूरी पर बुधवार की दोपहर आम के पेड़ से रस्सी के सहारे लटकता हुआ पाया गया। थोड़ी ही देर में बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे। ग्राम प्रधान गंगा विष्णु यादव की सूचना पर कार्यवाहक कोतवाली प्रभारी सियाराम राजपूत पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जिसके बाद शव को नीचे उतरवाने की बात कही। जिस पर परिजनों ने विरोध जाहिर किया, काफी समझाने के बाद परिजन माने तो पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम की कार्यवाही के लिए भेजा है। इस दौरान फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य संकलित किये। मृतक की पोती शिवांशी का आरोप है कि उसके बाबा दोपहर में अपने घर के सामने लेटे हुए थे । उसका कहना है कि तभी विपक्षी आया और पूर्व में हुई हत्या के मामले में सुलह समझौते के लिए उन्हें बुलाकर अपने साथ ले गया । उसके कुछ समय बाद रामसजीवन का शव पेड़ से लटका हुआ मिला है । शिवांशी का आरोप है कि उसके बाबा की हत्या करके पेड़ से लटकाया गया है । उसने विपक्षी और उसके साथियों को बाग से भागते हुए देखा है ।
गाँव के जिस युवक सुनील पर हत्या करने का आरोप लगा है, उसके पिता इंदल की एक वर्ष पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी,उसी मामले में पुलिस ने मृतक के पोते शिवांशु, भाई रमाकांत, मुन्नालाल, व भतीजे प्रमोद व नीरज को पुलिस ने जेल भेजा था।
जब मृतक रामसजीवन का शव पेड़ से नीचे उतारा गया तो उसकी शर्ट की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है । जिसमें उसने लिखा है कि बीमारी से परेशान होकर आत्महत्या कर रहा हूं । सुसाइड नोट मिलने के बाद परिजन और उत्तेजित हो गए । परिजनों का कहना है कि यह सुसाइड नोट फर्जी है । इसमें रामसजीवन की हैंड राइटिंग नहीं है । इसे लिखकर उसकी जेब में डाला गया है ।
रामसजीवन की मौत से पत्नी शांति बेटे अशोक व अवधेश व पोतियाँ शिवानी, कविता, आरती व शशि का रोरोकर बुरा हाल है। सीओ अरुण कुमार नौवहार ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट हो पाएगी तथा घटना के हर बिंदु की गहनता से जांच की जा रही है।