प्रयागराज के अत्याधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी में छात्रों को मिलेगी ये सभी सुविधाएं, जानें छात्र फिर भी क्यों हैं नाराज?

प्रयागराज नगर निगम अब शहर में एक नई और अत्याधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने जा रही है, लेकिन छात्रों में उत्साह के बजाय नाराजगी देखी गई। जानिए आखिर क्या है इसकी वजह?

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 26 June 2025, 1:16 PM IST
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प्रयागराज: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। प्रयागराज नगर निगम अब शहर में एक नई और अत्याधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है। इस परियोजना के लिए नगर निगम द्वारा छह करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। यह निर्णय ऐसे छात्रों के लिए विशेष रूप से अहम है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और महंगी किताबें या संसाधन नहीं जुटा पाते।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक प्रयागराज को अक्सर ‘आईएएस-आईपीएस की फैक्ट्री’ कहा जाता है, क्योंकि यहां से हर साल बड़ी संख्या में छात्र सिविल सेवा परीक्षाओं में सफल होते हैं। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से युवा यहां आकर सपने बुनते हैं और उन्हें साकार करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। हालांकि, उनमें से कई आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और किताबें, मैगजीन या कोचिंग जैसी सुविधाएं नहीं जुटा पाते।

नई डिजिटल लाइब्रेरी

इन्हीं जरूरतों को देखते हुए नगर निगम ने नई डिजिटल लाइब्रेरी की योजना बनाई है, जिसमें प्रतियोगी छात्रों को पढ़ने के लिए एक शांत और सुसज्जित वातावरण मिलेगा। इसमें अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएं, डिजिटल पुस्तकें, प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पत्र-पत्रिकाएं और करेंट अफेयर्स की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा लाइब्रेरी में पीने का पानी, पर्याप्त रोशनी, वाई-फाई और आरामदायक बैठक व्यवस्था भी होगी, ताकि छात्र लंबे समय तक अध्ययन कर सकें।

छात्रों में दिखी नाराजगी

इससे पहले भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राजकीय इंटर कॉलेज परिसर में एक डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की गई थी। हालांकि, उसमें नगर निगम द्वारा निर्धारित शुल्क को लेकर छात्रों में नाराजगी देखी गई थी। विरोध प्रदर्शन के बाद निगम ने छात्रों को भरोसा दिलाया कि शुल्क संरचना पर पुनर्विचार किया जाएगा और बीच का रास्ता निकाला जाएगा।

सफलता की रफ्तार

नई लाइब्रेरी के निर्माण से उम्मीद की जा रही है कि प्रयागराज की खोई हुई शैक्षणिक पहचान को फिर से मजबूती मिलेगी और यहां से निकलने वाले प्रतियोगियों की सफलता की रफ्तार और तेज होगी। यह पहल न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से उपयोगी है, बल्कि सामाजिक समानता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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