हिंदी
सोनभद्र में नेशनल हेराल्ड केस के विरोध में कांग्रेस नेताओं का भाजपा कार्यालय घेराव विफल रहा। जिलाध्यक्ष रामराज गोंड समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन सुरक्षा के कारण रोकथाम किया गया।
सोनभद्र में कांग्रेस का प्रदर्शन (फोटो सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
Sonbhadra: जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले के विरोध में भाजपा कार्यालय का घेराव करने की कोशिश पुलिस ने गुरुवार को विफल बना दी। इस दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामराज गोंड सहित कई प्रमुख नेताओं को हिरासत में लेकर पुलिस ने पुलिस लाइन्स चूर्क भेज दिया।
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस पार्टी के आदेश पर पूरे प्रदेश में भाजपा कार्यालयों का घेराव करने की योजना बनाई गई थी। सोनभद्र में भी यही घेराव करने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता उरमौरा बाईपास पर जुटे। जैसे ही कार्यकर्ता आगे बढ़े, पुलिस ने उन्हें रोक लिया। न केवल कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, बल्कि भाजपा कार्यालय और आसपास के इलाकों में पीएसी बल की भी मौजूदगी सुनिश्चित की गई थी।
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, लखनऊ में भाजपा मुख्यालय का घेराव; पढ़ें पूरी खबर
घेराव को रोकने के दौरान जिला अध्यक्ष रामराज गोंड समेत कई नेताओं ने सड़क पर लेटकर नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से कांग्रेस नेताओं, खासकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जिसे वे पूरी तरह अनुचित मानते हैं। इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच नोंकझोंक भी देखने को मिली।
रामराज गोंड ने कहा, "हमारी यह मांग है कि केंद्र सरकार और भाजपा नेतृत्व ईडी के झूठे और राजनीतिक तौर पर प्रेरित केसों के माध्यम से विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश न करें। नेशनल हेराल्ड केस में हमारे वरिष्ठ नेताओं को परेशान किया जा रहा है। यह लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने के समान है।"
पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को लिया हिरासत में (फोटो सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि मोदी और अमित शाह के निर्देश पर सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को अपमानित करने और उनके अधिकारों को बाधित करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान के निर्देश पर सभी जिला मुख्यालयों में भाजपा कार्यालयों का घेराव किया जाना था, लेकिन सुरक्षा कारणों और पुलिस के रोकने के चलते यह योजना पूरी तरह लागू नहीं हो पाई।
घेराव का प्रयास विफल होने के बाद भी कांग्रेस नेताओं ने साफ किया कि उनका विरोध शांतिपूर्ण था और उनका उद्देश्य केवल अपने नेताओं के साथ होने वाली अन्यायपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाना था। उन्होंने कहा कि प्रदेश और केंद्र सरकार को जनता की आवाज को दबाने का प्रयास बंद करना चाहिए।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कार्यकर्ताओं को सड़क से हटाने के बाद सभी को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन्स भेजा गया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को देखते हुए यह कदम आवश्यक था। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा या अव्यवस्था को रोकने के लिए पुलिस सतर्क थी।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस? जिसमें गांधी परिवार को मिली बड़ी राहत; पढ़ें पूरे मामले की ये बड़ी बातें
वहीं, स्थानीय लोगों और राहगीरों ने कहा कि इस प्रकार के प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकार का हिस्सा हैं, लेकिन उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि आम जनता की आवाजाही प्रभावित न हो। भाजपा कार्यालय और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।
कुल मिलाकर, कांग्रेस कार्यकर्ताओं का भाजपा कार्यालय घेराव पुलिस की सक्रिय रोकथाम के कारण सफल नहीं हो सका, लेकिन इसने विपक्ष की नाराजगी और केंद्र सरकार के खिलाफ उनकी आवाज को जोरदार तरीके से उजागर किया।