

फरेंदा तहसील में युवक ने तहसील परिसर में अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
युवक ने किया आत्मदाह का प्रयास
महराजगंज: यूपी के महराजगंज जिले के फरेंदा तहसील में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां सिधवारी ग्राम सभा के एक युवक ने तहसील परिसर में अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह मामला जमीन विवाद से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसने स्थानीय प्रशासन और पुलिस के रवैये पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। युवक ने फरेंदा के स्टेशन ऑफिसर (SO) पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि उनसे मामले को सुलझाने के लिए 10,000 रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। इस घटना ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है और लोग प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।
फरेंदा : युवक ने आत्मदाह का किया प्रयास
➡️सिधवारी ग्राम सभा में युवक ने खुद पर छिड़का ज्वलनशील पदार्थ
➡️जमीन विवाद से जुड़ा बताया जा रहा मामला
➡️युवक ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए
➡️मौके पर मची अफरा-तफरी, पुलिस जांच में जुटी @Uppolice @maharajganjpol #Sidhwari #UttarPradesh… pic.twitter.com/DEQ4JlNRuq— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) June 10, 2025
जानें पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, युवक पिछले कुछ समय से जमीन विवाद के चलते तहसील कार्यालय और पुलिस स्टेशन के चक्कर काट रहा था, लेकिन उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हताशा और मानसिक तनाव के कारण उसने यह खतरनाक कदम उठाया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवक ने तहसील परिसर में ज्वलनशील पदार्थ डालकर आत्मदाह की कोशिश की, लेकिन मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत हस्तक्षेप कर उसे बचा लिया। इस घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
वहीं डाइनामाइट न्यूज़ से हुई बातचीत में पीड़ित युवक के परिजनों ने बताया कि जब बार-बार शिकायत के बाद भी कहीं सुनवाई न होने के कारण युवक ने ये कदम उठाया है। उन्होंने पुलिस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। परिजनों ने इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जमीन पर हमें हक दिया जाए। जो जमीन हमारी है उसपर हमें कब्जा दिया जाए। इस मामले में पीड़ित परिवार ने डीएम से मिलकर इंसाफ की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने पीड़ित परिवार को एसडीएम के पास भेज दिया, बावजूद इसके पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिला।