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सहारनपुर के रामपुर मनिहारान क्षेत्र में पुलिस की कड़ी कार्रवाई और कुशल पेरवी के चलते गैंगस्टर एक्ट में आरोपी जनक और करन सिंह को 19 साल बाद 3 साल कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा मिली।
न्यायालय का बड़ा आदेश (सोर्स- गूगल)
Saharanpur: जनवरी 2005 को थाना रामपुर मनिहारान प्रभारी सुधीर कुमार ने सूचना मिली कि जनक पुत्र सुनहरा और करन सिंह पुत्र जगपाल ने एक संगठित गिरोह बनाकर जनता में दहशत फैलाई और आर्थिक लाभ कमाने जैसे अपराध किए। इसके बाद पुलिस ने धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया और अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 19 साल तक यह मामला न्यायालय में चला, जिसमें अभियुक्त लगातार कानूनी लड़ाई लड़ते रहे।
इस मामले में थाना रामपुर मनिहारान प्रभारी राधेश्याम यादव के निर्देशन में पेरोकार व कांस्टेबल विक्रांत कुमार ने न्यायालय में अभियुक्तों के खिलाफ सशक्त पेरवी की। उनकी मेहनत और सुनियोजित रणनीति के चलते न्यायालय ने अपराधियों को दोषी ठहराया।
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दो अभियुक्तों को हुई कारावास की सजा (सोर्स- गूगल)
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-5 ने अभियुक्तों जनक और करन सिंह को आईपीसी की धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट में दोषी करार देते हुए 3 साल का कारावास और 20 हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया।
इस निर्णय में एडीजीसी मेघराज सिंह चौहान और सेवानिवृत्त क्षेत्राधिकारी/विवेचक बिजेंद्र सिंह भड़ाना का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसके अलावा, मॉनिटरिंग सेल की पेरवी भी सराहनीय रही।
इस मामले में पुलिस उपमहानिरीक्षक सहारनपुर परिक्षेत्र-DIG अभिषेक सिंह के कड़े एक्शन और एसएसपी आशीष तिवारी के दिशा निर्देश तथा पुलिस अधीक्षक नगर व्योम बिंदल के कुशल निर्देशन ने अपराधियों के खिलाफ न्याय सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई।
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जनक और करन सिंह जैसे संगठित अपराधी जो जनता में दहशत फैलाकर आर्थिक लाभ कमाते हैं, उनके खिलाफ पुलिस और न्यायालय की संयुक्त कार्रवाई यह संदेश देती है कि अपराध करने वालों को लंबे समय के बाद भी न्याय से नहीं बचाया जा सकता।