

जिले में रेलवे परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण से जुड़ा मामला विवादों में आ गया है। आराजी संख्या 06, रकबा 10 डिसमिल (0.3640 हेक्टेयर) की भूमि, जो गोमती देवी व अन्य के नाम दर्ज है, पर बिना मुआवजा दिए और न्यायालय में मामला लंबित रहने के बावजूद रेलवे ठेकेदारों ने जबरन कब्जा कर लिया।
महराजगंज रेलवे स्टेशन
Maharajganj: जिले में रेलवे परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण को लेकर एक गंभीर मामला सामने आया है। आराजी संख्या 06, रकबा 10 डिसमिल (0.3640 हेक्टेयर) से संबंधित भूमि विवाद जिलाधिकारी/मध्यस्थ न्यायालय, महराजगंज में मामला संख्या D 202505470001482 – गोमती देवी व अन्य बनाम भारत संघ रेलवे व अन्य के रूप में लम्बित है। यह प्रकरण भारतीय रेल अधिनियम 1989 की धारा 20(6) तथा मध्यस्थता और सुलह अधिनियम 1996 के अंतर्गत विचाराधीन है।
भूमि स्वामी गोमती देवी एवं अन्य पक्षकारों का कहना है कि अब तक सक्षम प्राधिकारी एवं उप भूमि अधिग्रहण अधिकारी महराजगंज द्वारा उक्त भूमि और उस पर मौजूद परिसंपत्तियों का मुआवजा निर्धारित नहीं किया गया है। इसके बावजूद रेलवे ठेकेदार कंपनी द्वारा जबरन कार्य शुरू कराए जाने से स्थानीय स्तर पर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
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सूत्रों के अनुसार, रविवार की सुबह जमीन मालिक को सूचना मिली कि उनके बाउंड्री वाल के अंदर कुछ लोग जेसीबी लेकर घुस गए हैं और मिट्टी की खुदाई कर रहे हैं। मौके पर पहुंचने पर उन्होंने देखा कि दो व्यक्ति और एक जेसीबी ड्राइवर अंदर मौजूद थे। जेसीबी चालक ने अपना नाम गुड्डू पुत्र राममिलन, ग्राम खुटहा, जनपद महराजगंज बताया। वहीं अन्य कर्मचारियों ने खुद को एलसी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी, अहमदाबाद का स्टाफ बताया और अपने वरिष्ठ इंजीनियर शशांक सिंह तथा कर्मचारी विनय सिंह के नाम बताए।
जब भूमि स्वामी ने आपत्ति जताई तो कर्मचारियों ने कहा कि वे ठेकेदार रोहित गुप्ता के आदेश पर प्रस्तावित रेलवे लाइन के कार्य के लिए खुदाई करा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें रेलवे जेई राजीव रंजन सिंह से निर्देश मिला है, जिन्होंने फोन पर स्पष्ट कहा कि “आरओडब्ल्यू (Right of Way) मिल चुका है, काम रुकेगा नहीं।”
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भूमि स्वामियों का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह अवैध है क्योंकि न्यायालय में मामला विचाराधीन है और अभी तक किसी भी प्रकार का मुआवजा या प्रपत्र-11 जारी नहीं हुआ है। बिना वैधानिक प्रक्रिया पूरी किए रेलवे एवं ठेकेदार द्वारा बाउंड्री वाल का ताला तोड़कर जबरन कब्जा करना सीधा कानून का उल्लंघन है।
इस घटना से आक्रोशित भूमि स्वामियों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और भूमि अधिग्रहण अधिकारी को प्रार्थनापत्र भेजकर ठेकेदार कंपनी एवं संबंधित रेलवे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि न्यायालय में लंबित प्रकरण के बावजूद रेलवे ठेकेदार इस तरह की मनमानी करेंगे, तो भविष्य में बड़े पैमाने पर विवाद खड़े हो सकते हैं। प्रशासन को इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए, ताकि आगे ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।